Bible 2 India Mobile
[VER] : [URDU]     [PL]  [PB] 
 <<  Ephesians 5 >> 

1पस 'अज़ीज़ बेटों की तरह ख़ुदा की तरह बनो,

2और मुहब्बत से चलो जैसे मसीह ने तुम से मुहब्बत की, और हमारे वास्ते अपने आपको खुशबु की तरह ख़ुदा की नज़र करके कुर्बान किया।

3जैसे के मुकद्सों को मुनासिब है, तुम में हरामकारी और किसी तरह की नापाकी या लालच का ज़िक्र तक न हो;

4और न बेशर्मी और बेहूदा गोई और ठठ्ठा बाज़ी का, क्यूंकि ये लायक नहीं; बल्कि बर'अक्स इसके शुक्र गुज़ारी हो।

5क्यूंकि तुम ये खूब जानते हो कि किसी हरामकार, या नापाक, या लालची की जो बुत परस्त के बराबर है, मसीह और ख़ुदा की बादशाही में कुछ मीरास नहीं।

6कोई तुम को बे फ़ायदा बातों से धोका न दे, क्यूंकि इन्हीं गुनाहों की वजह से नाफरमानों के बेटों पर ख़ुदा का गज़ब नाज़िल होता है।

7पस उनके कामों में शरीक न हो |

8क्यूंकि तुम पहले अँधेरे थे; मगर अब ख़ुदावन्द में नूर हो, पस नूर के बेटे की तरह चलो ,

9(इसलिए कि नूर का फल हर तरह की नेकी और रास्तबाज़ी और सच्चाई है)।

10और तजुरबे से माँ'लूम करते रहो के खुदावन्द को क्या पसंद है।

11और अँधेरे के बे फल कामों में शरीक न हो, बल्कि उन पर मलामत ही किया करो।

12क्यूंकि उनके छुपे हुए कामों का ज़िक्र भी करना शर्म की बात है।

13और जिन चीज़ों पर मलामत होती है वो सब नूर से ज़ाहिर होती है, क्यूंकि जो कुछ ज़ाहिर किया जाता है वो रोशन हो जाता है।

14इसलिए वो फरमाता है, “ऐ सोने वाले, जाग और मुर्दों में से जी उठ, तो मसीह का नूर तुझ पर चमकेगा।”

15पस गौर से देखो कि किस तरह चलते हो, नादानों की तरह नहीं बल्कि अक़लमंदों की तरह चलो;

16और वक़्त को गनीमत जानो क्यूंकि दिन बुरे हैं।

17इस वजह से नादान न बनो, बल्कि खुदावन्द की मर्ज़ी को समझो कि क्या है।

18और शराब में मतवाले न बनो क्यूंकि इससे बदचलनी पेश ' आती है, बल्कि रूह से मा'मूर होते जाओ,

19और आपस में दुआएं और गीत और रूहानी गज़लें गाया करो, और दिल से खुदावन्द के लिए गाते बजाते रहा करो।

20और सब बातों में हमारे खुदावन्द ईसा' मसीह के नाम से हमेशा ख़ुदा बाप का शुक्र करते रहो।

21और मसीह के ख़ौफ़ से एक दुसरे के फर्माबरदार रहो।

22ऐ बीवियो, अपने शौहरों की ऐसी फर्माबरदार रहो जैसे खुदावन्द की |

23क्यूंकि शौहर बीवी का सिर है, जैसे के मसीह कलीसिया का सिर है और वो खुद बदन का बचानेवाला है।

24लेकिन जैसे कलीसिया मसीह की फर्माबरदार है, वैसे बीवियाँ भी हर बात में अपने शौहरों की फर्माबरदार हों।

25ऐ शौहरो! अपनी बीवियों से मुहब्बत रख्खो, जैसे मसीह ने भी कलीसिया से मुहब्बत करके अपने आप को उसके वास्ते मौत के हवाले कर दिया,

26ताकि उसको कलाम के साथ पानी से गुस्ल देकर और साफ़ करके मुकदस बनाए,

27और एक ऐसी जलाल वाली कलीसिया बना कर अपने पास हाज़िर करे, जिसके बदन में दाग या झुर्री या कोई और ऐसी चीज़ न हो, बल्कि पाक और बे'ऐब हो।

28इसी तरह शौहरों को ज़रूरी है कि अपनी बीवियों से अपने बदन की तरह मुहब्बत रख्खें| जो अपने बीवी से मुहब्बत रखता है, वो अपने आप से मुहब्बत रखता है |

29क्यूंकि कभी किसी ने अपने जिस्म से दुश्मनी नहीं की बल्कि उसको पालता और परवरिश करता है, जैसे कि मसीह कलीसिया को।

30इसलिए कि हम उसके बदन के 'हिस्सा हैं।

31“इसी वजह से आदमी बाप से और माँ से जुदा होकर अपनी बीवी के साथ रहेगा, और वो दोनों एक जिस्म होंगे।”

32ये राज़ तो बड़ा है, लेकिन मैं मसीह और कलीसिया के ज़रिए कहता हूँ।

33बहरहाल तुम में से भी हर एक अपनी बीवी से अपनी तरह मुहब्बत रख्खे, और बीवी इस बात का खयाल रख्खे कि अपने शौहर से डरती रहे ।


  Share Facebook  |  Share Twitter

 <<  Ephesians 5 >> 


Bible2india.com
© 2010-2024
Help
Dual Panel

Laporan Masalah/Saran