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1बाबुल और कसदियों के देश के विषय में यहोवा ने यिर्मयाह भविष्‍यद्वक्‍ता के द्वारा यह वचन कहाः

2“जातियों में बताओ, सुनाओ और झण्‍डा खड़ा करो; सुनाओ, मत छिपाओ कि बाबुल ले लिया गया, बेल का मुँह काला हो गया, मरोदक विस्‍मित हो गया। बाबुल की प्रतिमाएँ लज्‍जित हुई और उसकी बेडौल मूरतें विस्‍मित हो गई।

3क्‍योंकि उत्‍तर दिशा से एक जाति उस पर चढ़ाई करके उसके देश को यहाँ तक उजाड़ कर देगी, कि क्‍या मनुष्‍य, क्‍या पशु, उसमें कोई भी न रहेगा; सब भाग जाएँगे।

4“यहोवा की यह वाणी है, कि उन दिनों में इस्राएली और यहूदा एक संग आएँगे, वे रोते हुए अपने परमेश्‍वर यहोवा को ढूँढ़ने के लिये चले आएँगे।

5वे सिय्‍योन की ओर मुँह किए हुए उसका मार्ग पूछते और आपस में यह कहते आएँगे, ‘आओ हम यहोवा से मेल कर लें, उसके साथ ऐसी वाचा बाँधे जो कभी भूली न जाए, परन्‍तु सदा स्‍थिर रहे।’

6“मेरी प्रजा खोई हुई भेडें हैं; उनके चरवाहों ने उनको भटका दिया और पहाड़ों पर भटकाया है; वे पहाड़-पहाड़ और पहाड़ी-पहाड़ी घूमते-घूमते अपने बैठने के स्‍थान को भूल गई हैं।(मत्ती 10:6)

7जितनों ने उन्‍हें पाया वे उनको खा गए; और उनके सतानेवालों ने कहा, ‘इसमें हमारा कुछ दोष नहीं, क्‍योंकि उन्होंने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है जो धर्म का आधार है, और उनके पूर्वजों का आश्रय था।’

8“बाबुल के बीच में से भागो, कसदियों के देश से निकल आओ। जैसे बकरे अपने झुण्‍ड के अगुवे होते हैं, वैसे ही बनो।(प्रका. 18:4)

9क्‍योंकि देखो, मैं उत्‍तर के देश से बड़ी जातियों को उभारकर उनकी मण्‍डली बाबुल पर चढ़ा ले आऊँगा, और वे उसके विरुद्ध पाँति बाँधेंगे; और उसी दिशा से वह ले लिया जाएगा। उनके तीर चतुर वीर के से होंगे; उनमें से कोई अकारथ न जाएगा।

10कसदियों का देश ऐसा लुटेगा कि सब लूटनेवालों का पेट भर जाएगा, यहोवा की यह वाणी है।

11“हे मेरे भाग के लूटनेवालो, तुम जो मेरी प्रजा पर आनन्‍द करते और फुले नहीं समाते हो, और घास चरनेवाली बछिया के समान उछलते और बलवन्‍त घोड़ों के समान हिनहिनाते हो,

12तुम्‍हारी माता अत्‍यन्‍त लज्‍जित होगी और तुम्‍हारी जननी का मुँह काला होगा। क्‍योंकि वह सब जातियों में नीच होगी, वह जंगल और मरु और निर्जल देश हो जाएगी।

13यहोवा के क्रोध के कारण, वह देश निर्जन रहेगा, वह उजाड़ ही उजाड़ होगा; जो कोई बाबुल के पास से चलेगा वह चकित होगा, और उसके सब दुःख देखकर ताली बजाएगा।

14हे सब धनुर्धारियो, बाबुल के चारों ओर उसके विरुद्ध पाँति बाँधो; उस पर तीर चलाओ, उन्‍हें मत रख छोड़ो, क्‍योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।

15चारों ओर से उस पर ललकारो, उसने हार मानी; उसके कोट गिराए गए, उसकी शहरपनाह ढाई गई। क्‍योंकि यहोवा उससे अपना बदला लेने पर है; इसलिये तुम भी उससे अपना-अपना बदला लो, जैसा उसने किया है, वैसा ही तुम भी उससे करो।(प्रका. 18:6)

16बाबुल में से बोनेवाले और काटनेवाले दोनों को नाश करो, वे दुखदाई तलवार के डर के मारे अपने-अपने लोगों की ओर फिरें, और अपने-अपने देश को भाग जाएँ।

17“इस्राएल भगाई हुई भेड़ है, सिंहों ने उसको भगा दिया है। पहले तो अश्‍शूर के राजा ने उसको खा डाला, और तब बाबुल के राजा नबूकदनेस्‍सर ने उसकी हड्डियों को तोड़ दिया है।

18इस कारण इस्राएल का परमेश्‍वर, सेनाओं का यहोवा यों कहता है, देखो, जैसे मैंने अश्‍शूर के राजा को दण्‍ड दिया था, वैसे ही अब देश समेत बाबुल के राजा को दण्‍ड दूँगा।

19मैं इस्राएल को उसकी चराई में लौटा लाऊँगा, और वह कर्मेल और बाशान में फिर चरेगा, और एप्रैम के पहाड़ों पर और गिलाद में फिर भर पेट खाने पाएगा।

20यहोवा की यह वाणी है, कि उन दिनों में इस्राएल का अधर्म ढूँढ़ने पर भी नहीं मिलेगा, और यहूदा के पाप खोजने पर भी नहीं मिलेंगे; क्‍योंकि जिन्‍हें मैं बचाऊँ, उनके पाप भी क्षमा कर दूँगा।

21“तू मरातैम देश और पकोद नगर के निवासियों पर चढ़ाई कर। मनुष्‍यों को तो मार डाल, और धन का सत्‍यानाश कर; यहोवा की यह वाणी है, और जो-जो आज्ञा मैं तुझे देता हूँ, उन सभों के अनुसार कर।

22सुनो, उस देश में युद्ध और सत्‍यानाश का सा शब्‍द हो रहा है।

23जो हथौड़ा सारी पृथ्‍वी के लोगों को चूर चूर करता था, वह कैसा काट डाला गया है! बाबुल सब जातियों के बीच में कैसा उजाड़ हो गया है!

24हे बाबुल, मैंने तेरे लिये फन्‍दा लगाया, और तू अनजाने उसमें फँस भी गया; तू ढूँढ़कर पकड़ा गया है, क्‍योंकि तू यहोवा का विरोध करता था।

25प्रभु, सेनाओं के यहोवा ने अपने शस्‍त्रों का घर खोलकर, अपने क्रोध प्रगट करने का सामान निकाला है; क्‍योंकि सेनाओं के प्रभु यहोवा को कसदियों के देश में एक काम करना है।(रोमि. 9:22, यह 13:5)

26पृथ्‍वी की छोर से आओ, और उसकी बखरियों को खोलो; उसको ढेर ही ढेर बना दो; ऐसा सत्‍यानाश करो कि उसमें कुछ भी न बचा रहें।

27उसके सब बैलों को नाश करो, वे घात होने के स्‍थान में उतर जाएँ। उन पर हाय! क्‍योंकि उनके दण्‍ड पाने का दिन आ पहुँचा है।

28“सुनो, बाबुल के देश में से भागनेवालों का सा बोल सुनाई पड़ता है जो सिय्‍योन में यह समाचार देने को दौड़े आते हैं, कि हमारा परमेश्‍वर यहोवा अपने मन्‍दिर का बदला ले रहा है।

29“सब धनुर्धारियों को बाबुल के विरुद्ध इकट्ठे करो, उसके चारों ओर छावनी डालो, कोई जन भागकर निकलने न पाए। उसके काम का बदला उसे दो, जैसा उसने किया है, ठीक वैसा ही उसके साथ करो; क्‍योंकि उसने यहोवा इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध अभिमान किया है।(प्रका. 18:6)

30इस कारण उसके जवान चौकों में गिराए जाएँगे, और सब योद्धाओं का बोल बन्‍द हो जाएगा, यहोवा की यही वाणी है।

31“प्रभु सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, हे अभिमानी, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; तेरे दण्‍ड पाने का दिन आ गया है।

32अभिमानी ठोकर खाकर गिरेगा और कोई उसे फिर न उठाएगा; और मैं उसके नगरों में आग लगाऊँगा जिससे उसके चारों ओर सब कुछ भस्‍म हो जाएगा।

33“सेनाओं का यहोवा यों कहता है, इस्राएल और यहूदा दोनों बराबर पिसे हुए हैं; और जितनों ने उनको बँधुआ किया वे उन्‍हें पकड़े रहते हैं, और जाने नहीं देते।

34उनका छुड़ानेवाला सामर्थी है; सेनाओं का यहोवा, यही उसका नाम है। वह उनका मुक़द्दमा भली भाँति लड़ेगा कि पृथ्‍वी को चैन दे परन्‍तु बाबुल के निवासियों को व्‍याकुल करे।(प्रका. 18:8)

35“यहोवा की यह वाणी है, कसदियों और बाबुल के हाकिम, पण्‍डित आदि सब निवासियों पर तलवार चलेगी !

36बड़ा बोल बोलनेवालों पर तलवार चलेगी, और वे मूर्ख बनेंगे ! उसके शूरवीरों पर भी तलवार चलेगी, और वे विस्‍मित हो जाएँगे !

37उसके सवारों और रथियों पर और सब मिले जुले लोगों पर भी तलवार चलेगी, और वे स्त्रियाँ बन जाएँगे! उसके भण्‍ड़ारों पर तलवार चलेगी, और वे लुट जाएँगे !

38उसके जलाशयों पर सूखा पड़ेगा, और वे सूख जाएँगे ! क्‍योंकि वह खुदी हुई मूरतों से भरा हुआ देश है, और वे अपनी भयानक प्रतिमाओं पर बावले हैं।(प्रका. 16:12)

39“इसलिये निर्जल देश के जन्‍तु सियारों के संग मिलकर वहाँ बसेंगे, और शुतुर्मुर्ग उसमें वास करेंगे, और वह फिर सदा तक बसाया न जाएगा, न युग-युग उसमें कोई वास कर सकेगा।(प्रका. 18:2)

40यहोवा की यह वाणी है, कि सदोम और अमोरा और उनके आस-पास के नगरों की जैसी दशा उस समय हुई थी जब परमेश्‍वर ने उनको उलट दिया था, वैसी ही दशा बाबुल की भी होगी, यहाँ तक कि कोई मनुष्‍य उसमें न रह सकेगा, और न कोई आदमी उसमें टिकेगा।

41“सुनो, उत्‍तर दिशा से एक देश के लोग आते हैं, और पृथ्‍वी की छोर से एक बड़ी जाति और बहुत से राजा उठकर चढ़ाई करेंगे।

42वे धनुष और बर्छी पकड़े हुए हैं; वे क्रूर और निर्दयी हैं; वे समुद्र के समान गरजेंगे; और घोड़ों पर चढ़े हुए तुझ बाबुल की बेटी के विरुद्ध पाँति बाँधे हुए युद्ध करनेवालों के समान आएँगे।

43उनका समाचार सुनते ही बाबुल के राजा के हाथ पाँव ढीले पड़ गए, और उसको जच्‍चा की सी पीड़ाए उठीं।

44“सुनो, वह सिंह के समान आएगा जो यरदन के आस-पास के घने जंगल से निकलकर दृढ़ भेड़शाले पर चढ़े, परन्‍तु मैं उनको उसके सामने से झट भगा दूँगा; तब जिसको मैं चुन लूँ, उसी को उन पर अधिकारी ठहराऊँगा। देखो, मेरे तुल्‍य कौन है? कौन मुझ पर मुक़द्दमा चलाएगा? वह चरवाहा कहाँ है जो मेरा सामना कर सकेगा?

45इसलिये सुनो कि यहोवा ने बाबुल के विरुद्ध क्‍या युक्ति की है और कसदियों के देश के विरुद्ध कौन सी कल्‍पना की है: निश्‍चय वह भेड़-बकरियों के बच्‍चों को घसीट ले जाएगा, निश्‍चय वह उनकी चराइयों को भेड़-बकरियों से खाली कर देगा।

46बाबुल के लूट लिए जाने के शब्‍द से पृथ्‍वी काँप उठी है, और उसकी चिल्‍लाहट जातियों में सुनाई पड़ती है।


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