Bible 2 India Mobile
[VER] : [HINDI]     [PL]  [PB] 
 <<  Jeremiah 49 >> 

1अम्‍मोनियों के विषय यहोवा यों कहता है: “क्‍या इस्राएल के पुत्र नहीं हैं? क्‍या उसका कोई वारिस नहीं रहा? फिर मल्‍काम क्‍यों गाद के देश का अधिकारी हुआ? और उसकी प्रजा क्‍यों उसके नगरों में बसने पाई है?

2यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आनेवाले हैं, कि मैं अम्‍मोनियों के रब्‍बा नामक नगर के विरुद्ध युद्ध की ललकार सुनवाऊँगा, और वह उजड़कर खण्‍डहर हो जाएगा, और उसकी बस्‍तियाँ फूँक दी जाएँगी; तब जिन लोगों ने इस्राएलियों के देश को अपना लिया है, उनके देश को इस्राएली अपना लेंगे, यहोवा का यही वचन है।

3“हे हेशबोन हाय-हाय कर; क्‍योंकि ये नगर नाश हो गया। हे रब्‍बा की बेटियों चिल्‍लाओ! और कमर में टाट बाँधो, छाती पीटती हुई बाड़ों में इधर-उधर दौड़ो ! क्‍योंकि मल्‍काम अपने याजकों और हाकिमों समेत बँधुआई में जाएगा।

4हे भटकनेवाली बेटी! तू अपने देश की तराइयों पर, विशेष कर अपने बहुत ही उपजाऊ तराई पर क्‍यों फूलती है? तू क्‍यों यह कहकर अपने रखे हुए धन पर भरोसा रखती है, ‘मेरे विरुद्ध कौन चढ़ाई कर सकेगा?’

5प्रभु सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है: देख, मैं तेरे चारों ओर के सब रहनेवालों की ओर से तेरे मन में भय उपजाने पर हूँ, और तेरे लोग अपने-अपने सामने की ओर ढकेल दिए जाएँगे; और जब वे मारे-मारे फिरेंगे, तब कोई उन्‍हें इकट्ठा न करेगा।

6परन्‍तु उसके बाद मैं अम्‍मोनियों को बँधुआई से लौटा लाऊँगा; यहोवा की यही वाणी है।”

7एदोम के विषय, सेनाओं का यहोवा यों कहता है: “क्‍या तेमान में अब कुछ बुद्धि नहीं रही? क्‍या वहाँ के ज्ञानियों की युक्ति निष्‍फल हो गई? क्‍या उनकी बुद्धि जाती रही है?

8हे ददान के रहनेवालो भागो, लौट जाओ, वहाँ छिपकर बसो ! क्‍योंकि जब मैं एसाव को दण्‍ड देने लगूँगा, तब उस पर भारी विपत्‍ति पड़ेगी।

9यदि दाख के तोड़नेवाले तेरे पास आते, तो क्‍या वे कहीं कहीं दाख न छोड़ जाते? और यदि चोर रात को आते तो क्‍या वे जितना चाहते उतना धन लूटकर न ले जाते?

10क्‍योंकि मैंने एसाव को उघारा है, मैंने उसके छिपने के स्‍थानों को प्रगट किया है; यहाँ तक कि वह छिप न सका। उसके वंश और भाई और पड़ोसी सब नाश हो गए हैं और उसका अन्‍त हो गया।

11अपने अनाथ बालकों को छोड़ जाओ, मैं उनको जिलाऊँगा; और तुम्‍हारी विधवाएँ मुझ पर भरोसा रखें।(1 तीमु 5:5)

12क्‍योंकि यहोवा यों कहता है, देखो, जो इसके योग्‍य न थे कि कटोरे में से पीएँ, उनको तो निश्‍चय पीना पड़ेगा, फिर क्‍या तू किसी प्रकार से निर्दोष ठहरकर बच जाएगा? तू निर्दोष ठहरकर न बचेगा, तुझे अवश्‍य ही पीना पड़ेगा।

13क्‍योंकि यहोवा की यह वाणी है, मैंने अपनी सौगन्‍ध खाई है, कि बोस्रा ऐसा उजड़ जाएगा कि लोग चकित होंगे, और उसकी उपमा देकर निन्‍दा किया करेंगे और शाप दिया करेंगे; और उसके सारे गाँव सदा के लिये उजाड़ हो जाएँगे।”

14मैंने यहोवा की ओर से समाचार सुना है, वरन् जाति-जाति में यह कहने को एक दूत भी भेजा गया है, इकट्ठे होकर एदोम पर चढ़ाई करो; और उससे लड़ने के लिये उठो।

15क्‍योंकि मैंने तुझे जातियों में छोटा, और मनुष्‍यों में तुच्‍छ कर दिया है।

16हे चट्टान की दरारों में बसे हुए, हे पहाड़ी की चोटी पर किला बनानेवाले! तेरे भयानक रूप और मन के अभिमान ने तुझे धोखा दिया है। चाहे तू उकाब के समान अपना बसेरा ऊँचे स्‍थान पर बनाए, तौभी मैं वहाँ से तुझे उतार लाऊँगा, यहोवा की यही वाणी है।

17“एदोम यहाँ तक उजड़ जाएगा कि जो कोई उसके पास से चले वह चकित होगा, और उसके सारे दुःखों पर ताली बजाएगा।

18यहोवा का यह वचन है, कि जैसी सदोम और अमोरा और उनके आस-पास के नगरों के उलट जाने से उनकी दशा हुई थी, वैसी ही उसकी दशा होगी, वहाँ न कोई मनुष्‍य रहेगा, और न कोई आदमी उसमें टिकेगा।

19देखो, वह सिंह के समान यरदन के आस-पास के घने जंगलों से सदा की चराई पर चढ़ेगा, और मैं उनको उसके सामने से झट भगा दूँगा; तब जिसको मैं चुन लूँ, उसको उन पर अधिकारी ठहराऊँगा। मेरे तुल्‍य कौन है? और कौन मुझ पर मुक़द्दमा चलाएगा? वह चरवाहा कहाँ है जो मेरा सामना कर सकेगा?

20देखो, यहोवा ने एदोम के विरुद्ध क्‍या युक्ति की है; और तेमान के रहनेवालों के विरुद्ध कैसी कल्‍पना की है? निश्‍चय वह भेड़-बकरियों के बच्‍चों को घसीट ले जाएगा; वह चराई को भेड़-बकरियों से निश्‍चय खाली कर देगा।

21उनके गिरने के शब्‍द से पृथ्‍वी काँप उठेगी; और ऐसी चिल्‍लाहट मचेगी जो लाल समुद्र तक सुनाई पड़ेगी।

22देखो, वह उकाब के समान निकलकर उड़ आएगा, और बोस्र पर अपने पंख फैलाएगा, और उस दिन एदोमी शूरवीरों का मन जच्‍चा स्‍त्री का सा हो जाएगा।”

23दमिश्‍क के विषय, “हमात और अर्पद की आशा टूटी है, क्‍योंकि उन्होंने बुरा समाचार सुना है, वे गल गए हैं; समुद्र पर चिन्‍ता है, वह शान्‍त नहीं हो सकता।

24दमिश्‍क बलहीन होकर भागने को फिरती है, परन्‍तु कँपकँपी ने उसे पकड़ा है, जच्‍चा की सी पीड़ा उसे उठी हैं।

25हाय, वह नगर, वह प्रशंसा योग्‍य पुरी, जो मेरे हर्ष का कारण है, वह छोड़ा जाएगा!

26सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, कि उसके जवान चौकों में गिराए जाएँगे, और सब योद्धाओं का बोलना बन्‍द हो जाएगा।

27मैं दमिश्‍क की शहरपनाह में आग लगाऊँगा जिससे बेन्‍हदद के राजभवन भस्‍म हो जाएँगे।”

28“केदार और हासोर के राज्‍यों के विषय जिन्‍हें बाबुल के राजा नबूकदनेस्‍सर ने मार लिया। यहोवा यों कहता है: उठकर केदार पर चढ़ाई करो ! पूरब के लोगों का नाश करो !

29वे उनके डेरे और भेड़-बकरियाँ ले जाएँगे, उनके तम्‍बू और सब बरतन उठाकर ऊँटों को भी हाँक ले जाएँगे, और उन लोगों से पुकारकर कहेंगे, ‘चारों ओर भय ही भय है।’

30यहोवा की यह वाणी है, हे हासोर के रहनेवालो भागो! दूर-दूर मारे-मारे फिरो, कहीं जाकर छिपके बसो। क्‍योंकि बाबुल के राजा नबूकदनेस्‍सर ने तुम्‍हारे विरुद्ध युक्ति और कल्‍पना की है।

31“यहोवा की यह वाणी है, उठकर उस चैन से रहनेवाली जाति के लोगों पर चढ़ाई करो, जो निडर रहते हैं, और बिना किवाड़ और बेण्‍डे के यों ही बसे हुए हैं।

32उनके ऊँट और अनगिनित गाय-बैल और भेड़-बकरियाँ लूट में जाएँगी, क्‍योंकि मैं उनके गाल के बाल मुँड़ानेवालों को उड़ाकर सब दिशाओं में तितर-बितर करूँगा; और चारों ओर से उन पर विपत्‍ति लाकर डालूँगा, यहोव की यह वाणी है।

33हासोर गीदड़ों का वासस्‍थान होगा और सदा के लिये उजाड़ हो जाएगा, वहाँ न कोई मनुष्‍य रहेगा, और न कोई आदमी उसमें टिकेगा।”

34यहूदा के राजा सिदकिय्‍याह के राज्‍य के आरम्‍भ में यहोवा का यह वचन यिर्मयाह भविष्‍यद्वक्‍ता के पास एलाम के विषय पहुँचा।

35सेनाओं का यहोवा यों कहता है: “मैं एलाम के धनुष को जो उनके पराक्रम का मुख्‍य कारण है, तोड़ूँगा;

36और मैं आकाश के चारों ओर से वायु बहाकर उन्‍हें चारों दिशाओं की ओर यहाँ तक तितर-बितर करूँगा, कि ऐसी कोई जाति न रहेगी जिसमें एलामी भागते हुए न आएँ।(प्रका. 7:1)

37मैं एलाम को उनके शत्रुओं और उनके प्राण के खोजियों के सामने विस्‍मित करूँगा, और उन पर अपना कोप भड़काकर विपत्‍ति डालूँगा। और यहोवा की यह वाणी है, कि तलवार को उन पर चलवाते-चलवाते मैं उनका अन्‍त कर डालूँगा;

38और मैं एलाम में अपना सिंहासन रखकर उनके राजा और हाकिमों को नाश करूँगा, यहोवा की यही वाणी है।

39“परन्‍तु यहोवा की यह भी वाणी है, कि अन्‍त के दिनों में मैं एलाम को बँधुआई से लौटा ले आऊँगा।”


  Share Facebook  |  Share Twitter

 <<  Jeremiah 49 >> 


Bible2india.com
© 2010-2024
Help
Dual Panel

Laporan Masalah/Saran