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1फिरोन द्वारा गाज़ा नगर को जीत लेने से पहले यिर्मयाह भविष्‍यद्वक्‍ता के पास पलिश्‍तियों के विषय यहोवा का यह वचन पहुँचा:

2यहोवा यों कहता है कि देखो, उत्‍तर दिशा से उमण्‍डनेवाली नदी देश को उस सब समेत जो उसमें है, और निवासियों समेत नगर को डुबो लेगी। तब मनुष्‍य चिल्‍लाएँगे, वरन् देश के सब रहनेवाले हाय-हाय करेंगे।

3शत्रुओं के बलवन्‍त घोड़ों की टाप, रथों के वेग चलने और उनके पहियों के चलने का कोलाहल सुनकर पिता के हाथ-पाँव ऐसे ढीले पड़ जाएँगे, कि वह मुँह मोड़कर अपने लड़कों को भी न देखेगा।

4क्‍योंकि सब पलिश्‍तियों के नाश होने का दिन आता है; और सोर और सिदोन के सब बचे हुए सहायक मिट जाएँगे। क्‍योंकि यहोवा पलिश्‍तियों को जो कप्‍तोर नामक समुद्र तीर के बचे हुए रहनेवाले हैं, उनको भी नाश करने पर है।

5गाज़ा के लोग सिर मुड़ाए हैं, अश्‍कलोन जो पलिश्‍तियों के नीचान में अकेला रह गया है, वह भी मिटाया गया है; तू कब तक अपनी देह चीरता रहेगा?

6“हे यहोवा की तलवार ! तू कब तक शान्‍त न होगी? तू अपनी मियान में घुस जा, शान्‍त हो, और थमी रह !

7तू क्‍योंकर थम सकती है? क्‍योंकि यहोवा ने तुझको आज्ञा देकर अश्‍कलोन और समुद्रतट के विरुद्ध ठहराया है।”


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