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1“फिर हे मनुष्‍य के सन्‍तान, गोग के विरुद्ध भविष्‍यद्वाणी करके यह कह, हे गोग, हे रोश, मेशेक और तूबल के प्रधान, परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : मैं तेरे विरुद्ध हूँ।

2मैं तुझे घुमा ले आऊँगा, और उत्तर दिशा के दूर दूर देशों से चढ़ा ले आऊँगा, और इस्राएल के पहाड़ों पर पहुँचाऊँगा।

3वहाँ मैं तेरा धनुष तेरे बाएँ हाथ से गिराऊँगा, और तेरे तीरों को तेरे दाहिनी हाथ से गिरा दूँगा।

4तू अपने सारे दलों और अपने साथ की सारी जातियों समेत इस्राएल के पहाड़ों पर मार डाला जाएगा; मैं तुझे भाँति-भाँति के मांसाहारी पक्षियों और वनपशुओं का आहार कर दूँगा।

5तू खेत में गिरेगा, क्‍योंकि मैं ही ने ऐसा कहा है, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।

6मैं मागोग में और द्वीपों के निडर रहनेवालों के बीच आग लगाऊँगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

7“मैं अपनी प्रजा इस्राएल के बीच अपना नाम प्रगट करूँगा; और अपना पवित्र नाम फिर अपवित्र न होने दूँगा; तब जाति-जाति के लोग भी जान लेंगे कि मैं यहोवा, इस्राएल का पवित्र हूँ।

8यह घटना होने वाली है और वह हो जाएगी, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है। यह वही दिन है जिसकी चर्चा मैंने की है।

9“तब इस्राएल के नगरों के रहनेवाले निकलेंगे और हथियारों में आग लगाकर जला देंगे, ढाल, और फरी, धनुष, और तीर, लाठी, बर्छें, सब को वे सात वर्ष तक जलाते रहेंगे।

10इस कारण वे मैदान में लकड़ी न बीनेंगे, न जंगल में काटेंगे, क्‍योंकि वे हथियारों ही को जलाया करेंगे; वे अपने लूटनेवाले को लूटेंगे, और अपने छीननेवालों से छीनेंगे, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।

11“उस समय मैं गोग को इस्राएल के देश में कब्रिस्‍तान दूँगा, वह ताल की पूर्व ओर होगा; वह आने जानेवालों की तराई कहलाएगी, और आने जानेवालों को वहाँ रुकना पड़ेगा; वहाँ सब भीड़ समेत गोग को मिट्टी दी जाएगी और उस स्‍थान का नाम गोग की भीड़ की तराई पड़ेगा।

12इस्राएल का घराना उनको सात महीने तक मिट्टी देता रहेगा ताकि अपने देश को शुद्ध करे।

13देश के सब लोग मिलकर उनको मिट्टी देंगे; और जिस समय मेरी महिमा होगी, उस समय उनका भी नाम बड़ा होगा, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।

14तब वे मनुष्‍यों को नियुक्‍त करेंगे, जो निरन्‍तर इसी काम में लगे रहेंगे, अर्थात् देश में घूम-घामकर आने जानेवालों के संग होकर देश को शुद्ध करने के लिये उनको जो भूमि के ऊपर पड़े हों, मिट्टी देंगे; और सात महीने के बीतने तक वे ढूँढ़-ढूँढ़कर यह काम करते रहेंगे।

15देश में आने जानेवालों में से जब कोई मनुष्‍य की हड्डी देखे, तब उसके पास एक चिन्‍ह खड़ा करेगा, यह उस समय तक बना रहेगा जब तक मिट्टी देनेवाले उसे गोग की भीड़ की तराई में गाड़ न दें।

16वहाँ के नगर का नाम भी ‘हमोना’ है। इस प्रकार देश शुद्ध किया जाएगा।

17फिर हे मनुष्‍य के सन्‍तान, परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : भाँति-भाँति के सब पक्षियों और सब वन पशुओं को आज्ञा दे, इकट्ठे होकर आओ, मेरे इस बड़े यज्ञ में जो मैं तुम्‍हारे लिये इस्राएल के पहाड़ों पर करता हूँ, हर एक दिशा से इकट्ठे हो कि तुम मांस खाओ और लहू पीओ।

18तुम शूरवीरों का मांस खाओगे, और पृथ्‍वी के प्रधानों का लहू पीओगे और मेढ़ों, मेम्‍नों, बकरों और बैलों का भी जो सबके सब बाशान के तैयार किए हुए होंगे।

19मेरे उस भोज की चर्बी से जो मैं तुम्‍हारे लिये करता हूँ, तुम खाते-खाते अघा जाओगे, और उसका लहू पीते-पीते छक जाओगे।

20तुम मेरी मेज़ पर धोड़ों, सवारों, शूरवीरों, और सब प्रकार के योद्धाओं से तृप्‍त होंगे, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।

21“मैं जाति-जाति के बीच अपनी महिमा प्रगट करूँगा, और जाति-जाति के सब लोग मेरे न्‍याय के काम जो मैं करूँगा, और मेरा हाथ जो उन पर पड़ेगा, देख लेंगे।

22उस दिन से आगे इस्राएल का घराना जान लेगा कि यहोवा हमारा परमेश्‍वर है।

23जाति-जाति के लोग भी जान लेंगे कि इस्राएल का घराना अपने अधर्म के कारण बँधुआई में गया था; क्‍योंकि उन्होंने मुझसे ऐसा विश्‍वासघात किया कि मैंने अपना मुँह उनसे मोड़ लिया और उनको उनके बैरियों के वश कर दिया, और वे सब तलवार से मारे गए।

24मैंने उनकी अशुद्धता और अपराधों के अनुसार उनसे बर्ताव करके उनसे अपना मुँह मोड़ लिया था।

25“इसलिये परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : अब मैं याकूब को बँधुआई से लौटा लाऊँगा, और इस्राएल के सारे घराने पर दया करूँगा; और अपने पवित्र नाम के लिये मुझे जलन होगी।

26तब उस सारे विश्‍वासघात के कारण जो उन्होंने मेरे विरुद्ध किया वे लज्‍जित होंगे; और अपने देश में निडर रहेंगे; और कोई उनको न डराएगा।

27जब मैं उनको जाति-जाति के बीच से लौटा लाऊँगा, और उन शत्रुओं के देशों से इकट्ठा करूँगा, तब बहुत जातियों की दृष्‍टि में उनके द्वारा पवित्र ठहरूँगा।

28तब वे जान लेंगे कि यहोवा हमारा परमेश्‍वर है, क्‍योंकि मैंने उनको जाति-जाति में बँधुआ करके फिर उनके निज देश में इकट्ठा किया है। मैं उनमें से किसी को फिर परदेश में न छोड़ूँगा,

29और उनसे अपना मुँह फिर कभी न मोड़ लूँगा, क्‍योंकि मैंने इस्राएल के घराने पर अपना आत्‍मा उण्‍डेला है, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।”



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