Bible 2 India Mobile
[VER] : [HINDI]     [PL]  [PB] 
 <<  Psalms 95 >> 

1आओ हम यहोवा के लिये ऊँचे स्‍वर से गाएँ, अपने उद्धार की चट्टान का जयजयकार करें!

2हम धन्‍यवाद करते हुए उसके सम्‍मुख आएँ, और भजन गाते हुए उसका जयजयकार करें!

3क्‍योंकि यहोवा महान् ईश्‍वर है, और सब देवताओं के ऊपर महान् राजा है।

4पृथ्‍वी के गहरे स्‍थान उसी के हाथ में हैं; और पहाड़ों की चोटियाँ भी उसी की हैं।

5समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और स्‍थल भी उसी के हाथ का रचा है।

6आओ हम झुककर दण्‍डवत् करें, और अपने कर्त्ता यहोवा के सामने घुटने टेकें!

7क्‍योंकि वही हमारा परमेश्‍वर है, और हम उसकी चराई की प्रजा, और उसके हाथ की भेड़ें हैं। भला होता, कि आज तुम उसकी बात सुनते!(निर्ग. 17:7)

8अपना-अपना हृदय ऐसा कठोर मत करो, जैसा मरीबा में, व मस्‍सा के दिन जंगल में हुआ था,

9जब तुम्‍हारे पुरखाओं ने मुझे परखा, उन्होंने मुझ को जाँचा और मेरे काम को भी देखा।

10चालीस वर्ष तक मैं उस पीढ़ी के लोगों से रूठा रहा, और मैं ने कहा, “ये तो भरमनेवाले मन के हैं, और इन्‍होंने मेरे मार्गों को नहीं पहचाना।”

11इस कारण मैं ने क्रोध में आकर शपथ खाई कि ये मेरे विश्रामस्‍थान में कभी प्रवेश न करने पाएँगे।(इब्रा. 3:7-19)



 <<  Psalms 95 >> 


Bible2india.com
© 2010-2025
Help
Single Panel

Laporan Masalah/Saran