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1तब नादाब और अबीहू नामक हारून के दो पुत्रों ने अपना अपना धूपदान लिया, और उनमें आग भरी, और उसमें धूप डालकर उस ऊपरी आग की जिसकी आज्ञा यहोवा ने नहीं दी थी यहोवा के सम्‍मुख अर्पित किया।

2तब यहोवा के सम्‍मुख से आग निकलकर उन दोनों को भस्‍म कर दिया, और वे यहोवा के सामने मर गए।

3तब मूसा ने हारून से कहा, “यह वही बात है जिसे यहोवा ने कहा था, कि जो मेरे समीप आए अवश्‍य है कि वह मुझे पवित्र जाने, और सारी जनता के सामने मेरी महिमा करे।” और हारून चुप रहा।

4तब मूसा ने मीशाएल और एलसाफान को जो हारून के चाचा उज्‍जीएल के पुत्र थे बुलाकर कहा, “निकट आओ, और अपने भतीजों को पवित्रस्‍थान के आगे से उठाकर छावनी के बाहर ले जाओ।”

5मूसा की इस आज्ञा के अनुसार वे निकट जाकर उनको अंगरखों सहित उठाकर छावनी के बाहर ले गए।

6तब मूसा ने हारून से और उसके पुत्र एलीआजर और ईतामार से कहा, “तुम लोग अपने सिरों के बाल मत बिखराओ, और न अपने वस्‍त्रों को फाड़ो, ऐसा न हो कि तुम भी मर जाओ, और सारी मण्‍डली पर उसका क्रोध भड़क उठे; परन्‍तु वह इस्राएल के कुल घराने के लोग जो तुम्‍हारे भाईबन्‍धु हैं यहोवा की लगाई हुई आग पर विलाप करें।

7और तुम लोग मिलापवाले तम्‍बू के द्वार के बाहर न जाना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; क्‍योंकि यहोवा के अभिषेक का तेल तुम पर लगा हुआ है।” मूसा के इस वचन के अनुसार उन्होंने किया।

8फिर यहोवा ने हारून से कहा,

9“जब-जब तू या तेरे पुत्र मिलापवाले तम्‍बू में आएँ तब-तब तुम में से कोई न तो दाखमधु पिए हो न और किसी प्रकार का मध, कहीं ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; तुम्‍हारी पीढ़ी-पीढ़ी में यह विधि प्रचलित रहे,

10जिससे तुम पवित्र और अपवित्र में, और शुद्ध और अशुद्ध में अन्‍तर कर सको;

11और इस्राएलियों को उन सब विधियों को सिखा सको जिसे यहोवा ने मूसा के द्वारा उनको सुनवा दी हैं।

12फिर मूसा ने हारून से और उसके बचे हुए दोनों पुत्र ईतामार और एलीआज़ार से भी कहा, “यहोवा के हव्‍य में से जो अन्‍नबलि बचा है उसे लेकर वेदी के पास बिना खमीर खाओ, क्‍योंकि वह परमपवित्र है;

13और तुम उसे किसी पवित्रस्‍थान में खाओ, वह तो यहोवा के हव्‍य में से तेरा और तेरे पुत्रों का हक है; क्‍योंकि मैंने ऐसी ही आज्ञा पाई है।

14तब हिलाई हुई भेंट की छाती और उठाई हुई भेंट की जाँघ को तुम लोग, अर्थात् तू और तेरे बेटे-बेटियाँ सब किसी शुद्ध स्‍थान में खाओ; क्‍योंकि वे इस्राएलियों के मेलबलियों में से तुझे और तेरे बच्चों का हक ठहरा दी गई हैं।

15चरबी के हव्‍यों समेत जो उठाई हुई जाँघ और हिलाई हुई छाती यहोवा के सामने हिलाने के लिये आया करेंगी, ये भाग यहोवा की आज्ञा के अनुसार सर्वदा की विधि की व्‍यवस्‍था से तेरे और तेरे बच्चों के लिये हैं।”

16फिर मूसा ने पापबलि के बकरे की जो ढूँढ़-ढाँढ़ की, तो क्‍या पाया कि वह जलाया गया है, इसलिये एलीआज़ार और ईतामार जो हारून के पुत्र बचे थे उनसे वह क्रोध में आकर कहने लगा,

17“पापबलि जो परमपवित्र है और जिसे यहोवा ने तुम्‍हे इसलिये दिया है कि तुम मण्‍डली के अधर्म का भार अपने पर उठाकर उनके लिये यहोवा के सामने प्रायश्‍चित्त करो, तुमने उसका मांस पवित्रस्‍थान में क्‍यों नहीं खाया?

18देखो, उसका लहू पवित्रस्‍थान के भीतर तो लाया ही नहीं गया, नि:सन्‍देह उचित था कि तुम मेरी आज्ञा के अनुसार उसके मांस को पवित्रस्‍थान में खाते।”

19इसका उत्तर हारून ने मूसा को इस प्रकार दिया, “देख, आज ही उन्होंने अपने पापबलि और होमबलि को यहोवा के सामने चढ़ाया; फिर मुझ पर ऐसी विपत्तियाँ आ पड़ी हैं! इसलिये यदि मैं आज पापबलि का मांस खाता तो क्‍या यह बात यहोवा के सम्‍मुख भली होती?

20जब मूसा ने यह सुना तब उसे संतोष हुआ।



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