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1तब अम्‍मोनी नाहाश ने चढ़ाई करके गिलाद के याबेस के विरूद्ध छावनी डाली; और याबेश के सब पुरूषों ने नाहाश से कहा, “हम से वाचा बान्‍ध, और हम तेरी अधीनता मान लेंगे।”

2अम्‍मोनी नाहाश ने उन से कहा, “मैं तुम से वाचा इस शर्त पर बान्‍धूँगा, कि मैं तुम सभों की दाहिनी आँखे फोड़कर इसे सारे इस्राएल की नामधराई का कारण कर दूँ।”

3याबेश के वृद्ध लोगों ने उससे कहा, “हमें सात दिन का अवसर दे तब तक हम इस्राएल के सारे देश में दूत भेजेंगे। और यदि हम को कोई बचाने वाला न मिलेगा, तो हम तेरे ही पास निकल आएँगे।”

4दूतों ने शाऊलवाले गिबा में आकर लोगों को यह सन्‍देश सुनाया, और सब लोग चिल्‍ला चिल्‍लाकर रोने लगे।

5और शाऊल बैलों के पीछे पीछे मैदान से चला आता था; और शाऊल ने पूछा, “लोगों को क्‍या हुआ कि वे रोते हैं?” उन्होंने याबेश के लोगों का सन्‍देश उसे सुनाया।

6यह सन्‍देश सुनते ही शाऊल पर परमेश्‍वर का आत्‍मा बल से उतरा, और उसका कोप बहुत भड़क उठा।

7और उसने एक जोड़ी बैल लेकर उसके टुकड़े टुकड़े काटे, और यह कहकर दूतों के हाथ से इस्राएल के सारे देश में कहला भेजा, “जो कोई आकर शाऊल और शमूएल के पीछे न हो लेगा उसके बैलों से ऐसा ही किया जाएगा।” तब यहोवा का भय लोगों में ऐसा समाया कि वे एक मन होकर** निकल आए।

8तब उसने उन्‍हें बेजेक में गिन लिया, और इस्राएलियों के तीन लाख, और यहूदियों के तीस हजार ठहरे।

9और उन्होंने उन दूतों से जो आए थे कहा, “तुम गिलाद में के याबेश के लोगों से यों कहो, कि कल धूप तेज होने की घड़ी तक तुम छुटकारा पाओगे।” तब दूतों ने जाकर याबेश के लोगों को सन्‍देश दिया, और वे आनन्‍दित हुए।

10तब याबेश के लोगों ने कहा, “कल हम तुम्‍हारे पास निकल आएँगे, और जो कुछ तुम को अच्‍छा लगे वही हम से करना।”

11दूसरे दिन शाऊल ने लोगों के तीन दल किए; और उन्होंने रात के पिछले पहर में छावनी के बीच में आकर अम्‍मोनियों को मारा; और घाम के कड़े होने के समय तक ऐसे मारते रहे कि जो बच निकले वे यहाँ तक तितर बितर हुए कि दो जन भी एक संग कहीं न रहे।

12तब लोग शमूएल से कहने लगे, “जिन मनुष्‍यों ने कहा था, ‘क्‍या शाऊल हम पर राज्‍य करेगा?’ उनको लाओ कि हम उन्‍हें मार डालें।”

13शाऊल ने कहा, “आज के दिन कोई मार डाला न जाएगा; क्‍योंकि आज यहोवा ने इस्राएलियों को छुटकारा दिया है।”

14तब शमूएल ने इस्राएलियों से कहा, “आओ, हम गिलगाल को चलें, और वहाँ राज्‍य को नये सिरे से स्‍थापित करें।”

15तब सब लोग गिलगाल को चले, और वहाँ उन्होंने गिलगाल में यहोवा के सामने शाऊल को राजा बनाया; और वहीं उन्होंने यहोवा को मेलबलि चढ़ाए; और वहीं शाऊल और सब इस्राएली लोगों ने अत्‍यन्‍त आनन्‍द मनाया।(प्रेरितों 13:21)



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