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1और बनी इस्राईल की सारी जमा’अत ने सैला में जमा’ होकर ख़ेमा’-ए-इज्तिमा’अ को वहाँ खड़ा किया और वह मुल्क उनके आगे मग़लूब हो चुका था |

2और बनी इस्राईल में सात क़बीले ऐसे रह गये थे जिनकी मीरास उनको तक़सीम होने न पाई थी |

3और यशू’अ ने बनी इस्राईल से कहा, कि तुम कब तक उस मुल्क पर क़ब्ज़ा करने जो ख़ुदावन्द तुम्हारे बाप दादा के ख़ुदा ने तुम को दिया है सुस्ती करोगे ?|

4इसलिए~तुम अपने लिए हर क़बीला में से तीन शख़्स चुन लो, मैं उनको भेजूँगा और वह जाकर उस मुल्क में सैर करेंगे और अपनी अपनी मीरास के मुवाफ़िक़ उसका हाल लिख कर मेरे पास आएँगें |

5वह उसके सात हिस्से करेंगे, यहूदाह अपनी सरहद में जुनूब की तरफ़ और यूसुफ़ का ख़ानदान अपनी सरहद में शिमाल की तरफ़ रहेगा |

6इसलिएतुम उस मुल्क के सात हिस्से लिख कर मेरे पास यहाँ लाओ ताकि मैं ख़ुदा वन्द के आगे जो हमारा ख़ुदा है तुम्हारे लिए पर्ची डालूँ |

7क्यूँकि तुम्हारे बीच लावियों का कोई हिस्सा नहीं इसलिए कि ख़ुदा वन्द की कहानत उनकी मीरास है और जद्द और रूबिन और मनस्सी के आधे क़बीला को यरदन के उस पार मशरिक़ की तरफ़ मीरास मिल चुकी है जिसे ख़ुदा वन्द के बन्दा मूसा ने उनको दिया |

8पस वह आदमी उठ कर रवाना हुए और यशू’अ ने उनको जो उस मुल्क का हाल लिखने के लिए गये ताकीद की कि तुम जाकर उस मुल्क में सैर करो और उसका हाल लिख कर फिर मेरे पास आओ और मैं सैला में ख़ुदा वन्द के आगे तुम्हारे लिए पर्ची डालूँगा |

9चुनाँचे उन्होंने जाकर उस मुल्क में सैर की और शहरों के सात हिस्से कर के उनका हाल किताब में लिखा और सैला की ख़ेमागाह में यशू'अ के पास लौटे |

10तब यशू’अ ने सैला में उनके लिए ख़ुदावन्द के हुज़ूर पर्ची डाली और वहीं यशू'अ ने उस मुल्क को बनी इस्राईल की हिस्सों ~के मुताबिक़ उनको बाँट दिया |

11और बनी बिन यमीन के क़बीले का पर्ची उनके घरानों के मुताबिक़ निकला और उनके हिस्से की हद बनी यहूदाह और बनी यूसुफ़ के बीच पड़ी |

12इसलिए~उनकी शिमाली हद यरदन से शुरू’ हुई और ये हद यरीहू के पास से शिमाल की तरफ़ गुज़र कर पहाड़ी मुल्क से होती हुई मग़रिब की तरफ़ बैत आवन के बियाबान तक पहुँची |

13और वह हद वहाँ से लूज़ को जो बैत एल है गयी और लूज़ के जुनूब से उस पहाड़ के बराबर होती हुई जो नीचे के बैत हौरून के जुनूब में है ‘अतारात अदार को जा निकली |

14और वह मग़रिब की तरफ़ से मुड़ कर जुनूब को झुकी और बैत हौरून के सामने के पहाड़ से होती हुई जुनूब की तरफ़ बनी यहूदाह के एक शहर क़रयत बा'ल तक जो क़रयत या'रीम है चली गयी, ये मग़रिबी हिस्सा था |

15और जुनूबी हद क़रयत या’रीम की इन्तिहा से शुरू’हुई और वह हद मग़रिब की तरफ़ आब-ए-नफ़तूह के चश्मा तक चली गयी; |

16और वहाँ से वह हद उस पहाड़ के सिरे तक जो हिन्नूम के बेटे की वादी के सामने है गयी, ये रिफ़ाईम की वादी के शिमाल में है और वहाँ से जुनूब की तरफ़ हिन्नूम की वादी और यबूसियों के बराबर से गुज़रती हुई 'ऐन राजिल पहुँची ;|

17वहाँ से वह शिमाल की तरफ़ मुड़ कर और ‘ऐन शम्स से गुज़रती हुई जलीलोत को गयी जो अदुम्मीम की चढ़ाई के मुक़ाबिल है और वहाँ से रूबिन के बेटे बोहन के पत्थर तक पहुँची; |

18और फिर शिमाल को जाकर मैदान के मुक़ाबिल के रुख़ से निकलती हुयी मैदान ही में जा उतरी |

19फिर वह हद वहाँ से बैत हुजला के शिमाली पहलू तक पहुँची और उस हद का ख़ातिमा दरिया-ए-शोर की शिमाली खाड़ी पर हुआ जो यरदन के जुनूबी सिरे पर है, ये जुनूब की हद थी |

20और उसकी मशरिक़ी सिम्त की हद यरदन ठहरा, बनी बिनयमीन की मीरास उनकी चौगिर्द की हदों के 'ऐतबार से और उनके घरानों के मुवाफ़िक़ ये थी |

21और बनी बिन यमीन के क़बीला के शहर उनके घरानों के मुवाफ़िक़ ये थे,यरीहू और बैत हुजला और 'ईमक़ क़सीस |

22और बैत 'अराबा और समरीम और बैतएल|

23और ‘अव्वीम और फ़ारा और 'उफ़रा |

24और कफ़रउल'उम्मूनी और 'उफ़नी और जबा' ,ये बारह शहर थे और इनके गाँव भी थे |

25और जिब’ऊन और रामा और बैरोत |

26मिस्फ़ाह और कफ़ीरह और मोज़ा

27और रक़म और अरफ़ील और तराला |

28और ज़िला’, अलिफ़ और यबूसियों का शहर जो यरूशलीम है और जिब’अत और क़रयत, ये चौदह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं, बनी बिनयमीन की मीरास उनके घरानों के मुताबिक़ ये है


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