1अबीमलिक के बाद तोला' फुव्वा बिन दोदो जो इश्कार के कबीले का था, की हिमायत करने को उठा; इफ़ाईम के कोहिस्तानी मुल्क में समीर में रहता था।
2तेईस बरस इस्राईलियों का क़ाज़ी रहा; मर गया और समीर में दफ़्न हुआ।
3बाद जिल'आदी याईर उठा, वो बाइस बरस इस्राईलियों का क़ाज़ी रहा।
4तीस बेटे थे जो तीस जवान गधों पर सवार हुआ करते थे; उनके तीस शहर थे जो आज तक हवोत के मुल्क में हैं।
5याईर मर गया और कामोन में दफ़्न
6ख़ुदावन्द के हुजूर फिर बदी बालीम और 'इस्तारात और अराम के देवताओं और सैदा के देवताओं और मोआब के देवताओं और बनी 'अम्मोन के देवताओं और फिलिस्तियों के देवताओं की परस्तिश करने ख़ुदावन्द को छोड़ दिया और उसकी परस्तिश न की।
7ख़ुदावन्द का क़हर इस्राईल पर भड़का, उसने उनको फिलिस्तियों के हाथ और बनी 'अम्मोन के हाथ बेच डाला।
8और उनहोंने उस साल बनी इस्राईल को तंग किया और अठारह बरस तक वो सब बनी-इस्राईल पर जुल्म करते रहे, यरदन पार अमोरियों के मुल्क में जो जिल'आद में है रहते थे।
9बनी 'अम्मोन यरदन पार होकर यहूदाह और बिनयमीन और इफ़ाईम के ख़ान्दान से लड़ने को भी आ जाते थे, इस्राइली बहुत तंग आ गए।
10बनीइस्राईल ख़ुदावन्द से फ़रियाद करके कहने लगे, ने तेरा गुनाह किया के अपने ख़ुदा को छोड़ा और बालीम की परस्तिश की।
11ख़ुदावन्द ने बनी-इस्राईल से कहा, मैंने तुम को मिस्रियों और अमोरियों और बनी 'अमोन और फ़िलिस्तियों के हाथ रिहाई नहीं दी?
12सैदानियों और 'अमालीक़ियों और मा'ओनियों ने भी तुम को सताया, तुम ने मुझ से फ़रियाद की और मैंने तुम को उनके हाथ से
13तौ भी तुम ने मुझे छोड़ कर और माबूदों की परस्तिश की, अब मैं तुम को रिहाई नहीं दूँगा।
14जाकर उन देवताओं से, तुम ने इख़्तियार किया है फ़रियाद करो, तुम्हारी मुसीबत के वक़्त तुम को छुड़ाएँ।
15ने ख़ुदावन्द से कहा, ने तो गुनाह किया, जो कुछ तेरी नज़र में अच्छा हो सो हम से कर; आज हम को छुड़ा ही ले।
16वो अजनबी माबूदों को अपने बीच से दूर करके ख़ुदावन्द की परस्तिश करने लगे; उसका जी इस्राईल की परेशानी से गमगीन हुआ।
17बनी 'अम्मोन इकट्ठे होकर जिल'आद में खैमाज़न हुए; भी फ़राहम होकर मिस्फ़ाह में ख़ैमाज़न हुए।
18के लोग और सरदार एक दूसरे से कहने लगे, कौन शख़्स है जो बनी 'अम्मोन से लड़ना शुरू' के सब बाशिदों का हाकिम होगा।