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1"ऐ भाइयों, हम अपने खुदा वन्द ईसा मसीह"के आने और उस के पास जमा होने के बारे में तुम से दरख़्वास्त करते हैं।

2कि किसी रूह या कलाम या ख़त से जो गोया हमारी तरफ़ से हो ये समझ कर कि "ख़ुदावन्द"का दिन आ पहुँचा है तुम्हारी अक़्ल अचानक परेशान न होजाए और न तुम घबराओ।

3किसी तरह से किसी के धोखा में न आना क्यूँकि वो दिन नहीं आएगा जब तक कि पहले बरगश्तगी न हो और वो गुनाह का शख़्स या'नी हलाकत का फ़र्ज़न्द ज़ाहिर न हो।

4जो मुखालिफ़त करता है और हर एक से जो "ख़ुदा" या मा'बूद कहलाता है अपने आप को बड़ा ठहराता है; यहाँ तक कि वो "ख़ुदा"के मकदिस में बैठ कर“अपने आप को "ख़ुदा" ज़ाहिर करता है।”

5क्या तुम्हें याद नहीं कि जब मैं तुम्हारे पास था तो तुम से ये बातें कहा करता था?

6अब जो चीज़ उसे रोक रही है ताकि वो अपने ख़ास वक़्त पर ज़ाहिर हो उस को तुम जानते हो।

7क्योंकि बेदीनी का राज़ तो अब भी तासीर करता जाता है मगर अब एक रोकने वाला है और जब तक कि वो दूर न किया जाए रोके रहेगा।

8उस वक़्त वो बेदीन ज़ाहिर होगा “जिसे"ख़ुदावन्द" अपने मुँह की फ़ूँक से हलाक और अपनी आमद की जलाल से मिटा देगा ।

9और जिसकी आमद शैतान की तासीर के मुवाफ़िक़ हर तरह की “झूटी क़ुदरत और निशानों और अजीब कामों के साथ,।

10और हलाक होने वालों के लिए नारास्ती के हर तरह के धोखे के साथ होगी इस वास्ते कि उन्हों ने हक़ की मुहब्बत को इख़्तियार न किया जिससे उनकी नजात होती।

11इसी वजह से"ख़ुदा"उन के पास गुमराह करने वाली तासीर भेजेगा ताकि वो झूट को सच जानें ।

12और जितने लोग हक़ का यक़ीन नहीं करते बल्कि नारास्ती को पसंद करते हैं; वो सज़ा पाएँगे ।

13लेकिन तुम्हारे बारे में "ऐ भाइयों, "ख़ुदावन्द" के प्यारों हर वक़्त "ख़ुदा"का शुक्र करना हम पर फ़र्ज़ है क्यूँकि "ख़ुदा"ने तुम्हें शुरू से ही इसलिए चुन लिया था कि रूह के ज़रि'ए से पाकीज़ा बन कर और हक़ पर ईमान लाकर नजात पाओ।

14जिस के लिए उस ने तुम्हें हमारी ख़ुशख़बरी के वसीले से बुलाया ताकि तुम हमारे"ख़ुदा वन्द " ईसा मसीह" का जलाल हासिल करो।

15पस"ऐ भाइयो,साबित क़दम रहो, और जिन रवायतों की तुम ने हमारी ज़बानी या ख़त के जरिये से ता'लीम पाई है उन पर क़ायम रहो।

16अब हमारा"ख़ुदावन्द"ईसा मसीह" ख़ुद और हमारा बाप"ख़ुदा"जिसने हम से मुहब्बत रखी और फ़ज़ल से हमेशा तसल्ली और अच्छी उम्मीद बख़्शी

17तुम्हारे दिलों को तसल्ली दे और हर एक नेक काम और कलाम में मज़बूत करे।


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