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1और रहुब 'आम सिकम को गया ,इसलिए कि सब इस्रईली उसे बादशाह बनाने को सिकम में इकठ्ठठे हुए थे

2जब नबात के बेटे युरब'आम ने ये सुना (क्यूँकि वह मिस्र में था जहाँ वह सुलेमान बादशाह के आगे से भाग गया था )तो युरब'आम मिस्र से लौटा|

3और लोगों ने उसे बुलवा भेजा |सो युरब'आम और सब इस्रईली आए और रहुब'आम से कहने लगे |

4कि तेरे बाप ने हमारा जुआ सख़्त कर रखा था |सो अब तू अपने बाप की उस सख़्त ख़िदमत को और उस भारी जुए को जो उस ने हम पर डाल रखा था; कुछ हल्का कर दे और हम तेरी ख़िदमत करेंगे |

5और उसने उन से कहा, "तीन दिन के बाद फिर मेरे पास आना" चुनाँचे वह लोग चले गए

6तब रहुब'आम बादशाह ने उन बुज़ुर्गों से जो उसके बाप सुलेमान के हुजुर उसके जीते जी खड़े रहते थे,मश्वरत की और कहा तुम्हारी क्या सलाह है ? मैं इन लोगो को क्या जवाब दूँ ?|

7उन्होंने उस कहा कि अगर तू इन लोगों पर मेहरबान हो और उनको राज़ी करें और इन से अच्छी अच्छी बातें कहे,तो वह हमेशा तेरी ख़िदमत करेंगे

8लेकिन उस ने उन बुज़ुर्गों की सलाह को जो उन्होंने उसे दी थी छोड़कर कर उन जवानों से जिन्होंने उसके साथ अर्वारिश पाई थी और उसके आगे हाज़िर रहते थे मश्वरत की |

9और उन से कहा तुम मुझे क्या सलाह देते हो कि हम इन लोगों को क्या जवाब दे जिन्होंने मुझ से ये दरखवास्त की है कि उस जुए को जो तेरे बाप ने हम पर रख्खा कुछ हल्का कर ?|

10उन जवानों ने जिन्होंने उसके साथ परवरिश पाई थी उस से कहा, "तू उन लोगों को जिन्होंने तुझ से कहा तेरे बाप ने हमारे जुए को भरी किया पर तू उसको हमारे लिए कुछ हल्का कर दे यू जवाब देना और उन से कहना कि मेरी छिंगुली मेरे बाप के कमर से भी मोटी है |

11और मेरे बाप ने तो भारी जुआ तुम पर रख्खा ही था पर मै उस जुए को और भी भारी करूँगा |मेरे बाप ने तुम्हे कोड़ों से ठीक किया पर मै तुम को बिच्छुयों से ठीक करूँगा |"

12और जैसा बादशाह ने हुक्म दिया था कि तीसरे दिन मेरे पास फिर आना तीसरे दिन युरब'आम और सब लोग रहब'आम के पास हाजिर हुए|

13तब बादशाह उनको सख़्त जवाब दिया और रहुब'आम बादशाह ने बुज़ुर्गों की सलाह को छोड़कर |

14जवानों की सलाह के मूवाफ़िक़ उनसे कहा कि मेरे बाप ने तुम्हारा जुआ भारी किया पर मै उसको और भी भारी करूँगा |मेरे बाप ने तुमको कोड़ों से ठीक किया पर मै तुम को बिच्छुओं से ठीक करूँगा |

15सो बादशाह ने लोगों की न मानी क्यूँकि यह ख़ुदा ही की तरफ़ से था ताकि ख़ुदावंद उस बात को जो उसने सैलानी अखि़याह की मा'रिफ़त नबात के बेटे युरबआ'म को फ़रमाई थी पूरा करे |

16जब सब इस्रईलियों ने ये देखा कि बादशाह ने उनकी न मानी तो लोगों ने बादशाह को जवाब दिया और यूँ कहा कि दाऊद के साथ हमारा क्या हिस्सा है ?यस्सी के बेटे के साथ हमारी कुछ मीरास नहीं |ऐ इस्राईलियों !अपने अपने डेरे को चले जाओ |अब ऐ दाऊद अपने ही घराने को संभाल |पस सब इस्रईली अपने डेरों को चल दिए

17लेकिन उन बनी इस्राईल पर जो यहुदाह के शहरों में रहते थे रहुब'आम सल्तनत करता रहा |

18तब रहुब'आम बादशाह ने हदुराम को जो बेगारियों का दरोग़ा था भेजा लेकिन बनी इस्राईल ने उसको संगसार किया और वह मर गया |तब रहुब'आम यरुशलीम को भाग जाने के लिए झट अपने रथ पर सवार हो गया |

19पस इस्राईली आज़ के दिन तक दाऊद के घराने से बा'ग़ी है


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