Bible 2 India Mobile
[VER] : [URDU]     [PL]  [PB] 
 <<  1 Thessalonians 5 >> 

1मगर "ऐ भाइयो! इसकी कुछ जरूरत नहीं कि वक़्तों और मौकों के जरिये तुम को कुछ लिखा जाए।

2इस वास्ते कि तुम आप ख़ुद जानते हो कि "ख़ुदावन्द" का दिन इस तरह आने वाला है जिस तरह रात को चोर आता है।

3जिस वक़्त लोग कहते होंगे कि सलामती और अम्न है उस वक़्त उन पर इस तरह हलाक़त आएगी जिस तरह हामिला को दर्द होता हैं और वो हरगिज़ न बचेंगे।

4लेकिन तुम "ऐ भाइयो, अंधेरे में नहीं हो कि वो दिन चोर की तरह तुम पर आ पड़े ।

5क्यूँकि तुम सब नूर के फ़र्ज़न्द और दिन के फ़र्ज़न्द हो, हम न रात के हैं न तारीकी के।

6पस, औरों की तरह सोते न रहो , बल्कि जागते और होशियार रहो ।

7क्यूँकि जो सोते हैं रात ही को सोते हैं और जो मतवाले होते हैं रात ही को मतवाले होते हैं।

8मगर हम जो दिन के हैं ईमान और मुहब्बत का बख्तर लगा कर और निजात की उम्मीद कि टोपी पहन कर होशियार रहें।

9क्यूँकि "ख़ुदा" ने हमें ग़ज़ब के लिए नहीं बल्कि इसलिए मुक़र्रर किया कि हम अपने"ख़ुदावन्द" ईसा मसीह" के वसीले से नजात हासिल करें ।

10वो हमारी ख़ातिर इसलिए मरा , कि हम जागते हों या सोते हों सब मिलकर उसी के साथ जिएँ।

11पस, तुम एक दूसरे को तसल्ली दो और एक दूसरे की तरक़्क़ी की वजह बनो चुनाँचे तुम ऐसा करते भी हो।

12और "ऐ भाइयो, हम तुम से दरख़्वास्त करते हैं, कि जो तुम में मेहनत करते और "ख़ुदावन्द" में तुम्हारे पेशवा हैं और तुम को नसीहत करते हैं उन्हें मानो।

13और उनके काम की वजह से मुहब्बत के साथ उन की बड़ी इज़्ज़त करो; आपस में मेल मिलाप रख्खो।

14और"ऐ भाइयो, हम तुम्हें नसीहत करते हैं कि बे क़ाइदा चलने वालों को समझाओ कम हिम्मतों को दिलासा दो कमज़ोरों को संम्भालो सब के साथ तह्म्मुल से पेश आओ।

15ख़बरदार कोई किसी से बदी के बदले बदी न करे बल्कि हर वक़्त नेकी करने के दर पे हो आपस में भी और सब से।

16हर वक़्त ख़ुश रहो।

17बिला नाग़ा दुआ करो।

18हर एक बात में शुक्र गुज़ारी करो क्यूँकि "मसीह ईसा" में तुम्हारे बारे मे "ख़ुदा"की यही मर्ज़ी है।

19"रूह " को न बुझाओ।

20नबुव्वतों की हिक़ारत न करो।

21सब बातों को आज़माओ, जो अच्छी हो उसे पकड़े रहो।

22हर क़िस्म की बदी से बचे रहो।

23"ख़ुदा"जो इत्मिनान का चश्मा है आप ही तुम को बिलकुल पाक करे, और तुम्हारी रूह और जान और बदन हमारे"ख़ुदावन्द"के आने तक पूरे पूरे और बेऐब महफ़ूज़ रहें।

24तुम्हारा बुलाने वाला सच्चा है वो ऐसा ही करेगा।

25"ऐ भाइयो, हमारे वास्ते दुआ करो।

26पाक बोसे के साथ सब भाइयों को सलाम करो।

27मैं तुम्हें ख़ुदावन्द की क़सम देता हूँ, कि ये ख़त सब भाइयों को सुनाया जाए।

28हमारे "ख़ुदावन्द"ईसा मसीह" का फ़ज़्ल तुम पर होता रहे।


  Share Facebook  |  Share Twitter

 <<  1 Thessalonians 5 >> 


Bible2india.com
© 2010-2024
Help
Dual Panel

Laporan Masalah/Saran