Bible 2 India Mobile
[VER] : [HINDI]     [PL]  [PB] 
 <<  Zephaniah 1 >> 

1आमोन के पुत्र यहूदा के राजा योशिय्याह के दिनों में, सपन्याह के पास जो हिजकिय्याह के पुत्र अमर्याह का परपोता और गदल्याह का पोता और कूशी का पुत्र था, यहोवा का यह वचन पहूँचा:

2"मैं धरती के ऊपर से सब का अन्त कर दूंगा,” यहोवा की यही वाणी है।

3"मैं मनुष्य और पशु दोनों का अन्त कर दूंगा; मैं आकाश के पक्षियों और समुद्र की मछलियों का, और दुष्टों समेत उनकी रखी हुई ठोकरों के कारण का भी अन्त कर दूंगा; मैं मनुष्य जाति को भी धरती पर से नाश कर डालूँगा,” यहोवा की यही वाणी है।(मत्ती. 13:41)

4"मैं यहूदा पर और यरूशलेम के सब रहनेवालों पर हाथ उठाऊँगा, और इस स्थान में बाल के बचे हुओं को और याजकों समेत देवताओं के पुजारियों के नाम को नाश कर दूंगा।

5जो लोग अपने अपने घर की छत पर आकाश के गण को दण्डवत् करते है, और जो लोग दण्डवत करते हुए यहोवा की सेवा करने की शपथ खाते हैं;

6और जो यहोवा के पीछे चलने से लौट गए हैं, और जिन्होंने न तो यहोवा को ढूंढ़ा, और न उसकी खोज में लगे, उनको भी मैं सत्यानाश कर डालूँगा।”

7परमेश्वर यहोवा के सामने शान्त रहो! क्योंकि यहोवा का दिन निकट है; यहोवा ने यज्ञ सिद्ध किया है, और अपने पाहुनों को पवित्र किया है।

8और यहोवा के यज्ञ के दिन, "मैं हाकिमों और राजकुमारों को और जितने परदेश के वस्त्र पहिना करते हैं, उनको भी दण्ड दूंगा।

9उस दिन मैं उन सभों को दण्ड दूँगा जो डेवढ़ी को लाँघते, और अपने स्वामी के घर को उपद्रव और छल से भर देते हैं।”

10यहोवा की यह वाणी है, "उस दिन मछली फाटक के पास चिल्लाहट का और नये टोले मिश्नाह में हाहाकार का और टीलों पर बड़े धमाके का शब्द होगा।

11हे मक्तेश के रहनेवालो, हाय, हाय, करो! क्योंकि सब व्यापारी मिट गए; जितने चाँदी से लदे थे, उन सब का नाश हो गया है।

12उस समय मैं दीपक लिए हुए यरूशलेम में ढूंढ़-ढांढ़ करूँगा, और जो लोग दाखमधु के तलछट तथा मैल के समान बैठे हुए मन में कहते हैं कि यहोवा न तो भला करेगा और न बुरा, उनको मैं दण्ड दूंगा।

13तब उनकी धन सम्पत्ति लूटी जाएगी, और उनके घर उजाड़ होंगे; वे घर तो बनाएँगे , परन्तु उन में रहने न पाएँगे; और वे दाख की बारियाँ लगाएँगे, परन्तु उन से दाखमधु न पीने पाएँगे।”

14यहोवा का भयानक दिन निकट है, वह बहुत वेग से समीप चला आता है; यहोवा के दिन का शब्द सुन पड़ता है, वहाँ वीर दु:ख के मारे चिल्लाता है।(प्रकाशन 6:17)

15वह रोष का दिन, वह संकट और सकेती का दिन वह उजाड़ और उजाड़ का दिन, वह अन्धेर और घोर अन्धकार का दिन वह बादल और काली घटा का दिन होगा।

16वह गढ़वाले नगरों और ऊँचे गुम्मटों के विरूद्ध नरसिंगा फूँकने और ललकारने का दिन होगा।

17मैं मनुष्यों को संकट में डालूँगा, और वे अन्धों के समान चलेंगे, क्योंकि उन्हों ने यहोवा के विरूद्ध पाप किया है; उनका लोहू धूलि के समान, और उनका मांस विष्ठा की समान फेंक** दिया जाएगा।

18यहोवा के रोष के दिन में, न तो चाँदी से उनका बचाव होगा, और न सोने से; क्योंकि उसके जलन की आग से सारी पृथ्वी भस्म हो जाएगी; वह पृथ्वी के सारे रहनेवालों को घबराकर उनका अन्त कर डालेगा।


  Share Facebook  |  Share Twitter

 <<  Zephaniah 1 >> 


Bible2india.com
© 2010-2024
Help
Dual Panel

Laporan Masalah/Saran