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1सुनो, यहोवा का एक ऐसा दिन आनेवाला है जिसमें तेरा धन लूटकर तेरे बीच में बाँट लिया जाएगा।

2क्‍योंकि मैं सब जातियों को यरूशलेम से लड़ने के लिये इकट्ठा करूँगा, और वह नगर ले लिया जाएगा। और घर लूटे जाएँगे और स्‍त्रियाँ भ्रष्‍ट की जाएँगी; नगर के आधे लोग बँधुवाई में जाएँगे, परन्‍तु प्रजा के शेष लोग नगर ही में रहने पाएँगे।

3तब यहोवा निकलकर उन जातियों से ऐसा लड़ेगा जैसा वह संग्राम के दिन में लड़ा था।

4और उस समय वह जैतून के पर्वत पर पाँव रखेगा, जो पूरब ओर यरूशलेम के सामने है; तब जैतून का पर्वत पूरब से लेकर पश्चिम तक बीचोबीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा; तब आधा पर्वत उत्तर की ओर आधा दक्षिण की ओर हट जाएगा।

5तब तुम मेरे बनाए हुए उस खड्ड से होकर भाग जाओगे, क्‍योंकि वह खड्ड आसेल तक पहूँचेगा, वरन तुम ऐसे भागोगे जैसे उस भूकम्प के डर से भागे थे जो यहूदा के राजा उज्‍जिय्याह के दिनों में हुआ था। तब मेरा परमेश्‍वर यहोवा आएगा, और सब पवित्र लोग उसके साथ होंगे।(मत्ती 24:30-31, 1 थिस्सलुनीकियों 3:13, यहूदा 1:14)

6उस समय कुछ उजियाला न रहेगा, क्‍योंकि ज्‍योतिगण सिमट जाएँगे।

7और लगातार एक ही दिन होगा जिसे यहोवा ही जानता है, न तो दिन होगा, और न रात होगी, परन्‍तु साँझ के समय उजियाला होगा।(प्रकाशन 21:25, प्रकाशन 22:5)

8उस समय यरूशलेम से बहता हुआ जल फूट निकलेगा उसकी एक शाखा पूरब के ताल और दूसरी पच्‍छिम के समुद्र की ओर बहेगी, और धूप के दिनों में और जाड़े के दिनों में भी बराबर बहती रहेंगी।(यहेज 47:1, यूह. 7:38, प्रका. 22:1,17)

9तब यहोवा सारी पृथ्‍वी का राजा होगा; और उस समय एक ही यहोवा और उसका नाम भी एक ही माना जाएगा।(प्रकाशन 11:15, प्रकाशन 19:6)

10गेबा से लेकर यरूशलेम की दक्षिण ओर के रिम्‍मोन तक सब भूमि अराबा के समान हो जाएगी। परन्‍तु वह ऊँची होकर बिन्‍यामीन के फाटक से लेकर पहले फाटक के स्‍थान तक, और कोनेवाले फाटक तक, और हननेल के गुम्‍मट से लेकर राजा के दाखरस कुण्‍ड़ों तक अपने स्‍थान में बसेगी।

11और लोग उस में बसेंगे क्‍योंकि फिर सत्‍यानाश का शाप न होगा; और यरूशलेम बेखटके बसी रहेगी।(प्रकाशन 22:3)

12और जितनी जातियों ने यरूशलेम से युद्ध किया है उन सभों को यहोवा ऐसी मार से मारेगा, कि खड़े खड़े उनका माँस सड़ जाएगा, और उनकी आँखें अपने गोलकों में सड़ जाएँगीं, और उनकी जीभ उनके मुँह में सड़ जाएगी।

13और उस समय यहोवा की ओर से उन में बड़ी घबराहट पैठेगी, और वे एक दूसरे पर अपने अपने हाथ उठाएँगे।

14यहूदा भी यरूशलेम में लड़ेगा, और सोना, चाँदी, वस्‍त्र आदि चारों ओर की सब जातियों की धन सम्‍पत्ति उस में बटोरी जाएगी।

15और घोड़े, खच्‍चर, ऊँट और गदहे वरन जितने पशु उनकी छावनियों में होंगे वे भी ऐसी ही बीमारी से मारे जाएँगे।

16तब जितने लोग यरूशलेम पर चढ़नेवाली सब जातियों में से बचे रहेंगे, वे प्रति वर्ष राजा को अर्थात् सेनाओं के यहोवा को दण्‍डवत् करने, और झोपडि़यों का पर्व मानने के लिये यरूशलेम को जाया करेंगे।

17और पृथ्‍वी के कुलों में से जो लोग यरूशलेम में राजा, अर्थात् सेनाओं के यहोवा को दण्‍डवत करने के लिये न जाएँगे, उनके यहाँ वर्षा न होगी।

18और यदि मिस्र का कुल वहाँ न आए, तो क्‍या उन पर वह मरी न पड़ेगी जिस से यहोवा उन जातियों को मारेगा जो झोपडि़यों का पर्व मानने के लिये न जाएँगे?

19यह मिस्र का और उन सब जातियों का पाप ठहरेगा, जो झोपडि़यों का पर्व मानने के लिये न जाएँगे।

20उस समय घोड़ों की घंटियों पर भी यह लिखा रहेगा, “यहोवा के लिये पवित्र।” और यहोवा के भवन कि हंडि़याँ उन कटोरों के तुल्‍य पवित्र ठहरेंगी, जो वेदी के सामने रहते हैं।

21वरन यरूशलेम में और यहूदा देश में सब हंडि़याँ सेनाओं के यहोवा के लिये पवित्र ठहरेंगी, और सब मेलबलि करनेवाले आ आकर उन हंडियों में माँस सिझाया करेंगे। और सब सेनाओं के यहोवा के भवन में फिर कोई व्‍योपारी न पाया जाएगा।


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