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1जो जो भाग इस्राएलियों ने कनान देश में पाए, उन्‍हें एलीआजर याजक, और नून के पुत्र यहोशू, और इस्राएली गोत्रों के पूर्वजों के घरानों के मुख्‍य मुख्‍य पुरूषों ने उनको दिया वे ये हैं।(प्रेरि. 13:19)

2जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा साढ़े नौ गोत्रों के लिये दी थी, उसके अनुसार उनके भाग चिट्ठी डाल डालकर दिए गए।

3मूसा ने तो ढ़ाई गोत्रों के भाग यरदन पार दिए थे; परन्‍तु लेवियों को उसने उनके बीच कोई भाग न दिया था।

4यूसुफ के वंश के तो दो गोत्र हो गए थे, अर्थात् मनश्‍शे और एप्रैम; और उस देश में लेवियों को कुछ भाग न दिया गया, केवल रहने के नगर, और पशु आदि धन रखने को और चराइयां उनको मिलीं।

5जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसके अनुसार इस्राएलियों ने किया; और उन्होंने देश को बाँट लिया।।

6तब यहूदी यहोशू के पास गिलगाल में आए; और कनजी यपुन्ने के पुत्र कालेब ने उस से कहा, तू जानता होगा कि यहोवा ने कादेशबर्ने में परमेश्‍वर के जन मूसा से मेरे और तेरे विषय में क्‍या कहा था।

7जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे इस देश का भेद लेने के लिये कादेशबर्ने से भेजा था तब मैं चालीस वर्ष का था; और मैं सच्‍चे मन से** उसके पास सन्‍देश ले आया।

8और मेरे साथी जो मेरे संग गए थे उन्होंने तो प्रजा के लोगों का मन निराश कर दिया,** परन्‍तु मैं ने अपने परमेश्‍वर यहोवा की पूरी रीति से बात मानी।**

9तब उस दिन मूसा ने शपथ खाकर मुझ से कहा, तू ने पूरी रीति से मेरे परमेश्‍वर यहोवा की बातों का अनुकरण किया है, इस कारण नि:सन्‍देह जिस भूमि पर तू अपने पाँव धर आया है वह सदा के लिये तेरा और तेरे वंश का भाग होगी।

10और अब देख, जब से यहोवा ने मूसा से यह वचन कहा था तब से पैंतालीस वर्ष हो चुके हैं, जिन में इस्राएली जंगल में घूमते फिरते रहे; उन में यहोवा ने अपने कहने के अनुसार मुझे जीवित रखा है; और अब मैं पचासी वर्ष का हूँ।

11जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने, वा भीतर बाहर आने जाने के लिये जितनी उस समय मुझ मे सामथ्‍र्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामथ्‍र्य है।

12इसलिये अब वह पहाड़ी मुझे दे जिसकी चर्चा यहोवा ने उस दिन की थी; तू ने तो उस दिन सुना होगा कि उस में अनाकवंशी रहते हैं, और बड़े बड़े गढ़वाले नगर भी हैं; परन्‍तु क्‍या जाने सम्‍भव है कि यहोवा मेरे संग रहे, और उसके कहने के अनुसार मैं उन्‍हें उनके देश से निकाल दूँ।

13तब यहोशू ने उसको आशीर्वाद दिया; और हेब्रोन को यपुन्ने के पुत्र कालेब का भाग कर दिया।

14इस कारण हेब्रोन कनजी यपुन्ने के पुत्र कालेब का भाग आज तक बना है, क्‍योंकि वह इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का पूरी रीति से अनुगामी था।

15पहले समय में तो हेब्रोन का नाम किर्यतर्बा था; वह अर्बा अनाकियों में सब से बड़ा पुरूष था। और उस देश को लड़ाई से शान्ति मिली।।


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