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1जंगल और निर्जल देश प्रफुल्‍लित होंगे, मरूभूमि मगन होकर केसर के समान फूलेगी;

2वह अत्‍यन्‍त प्रफुल्‍लित होगी और आनन्‍द के साथ जयजयकार करेगी। उसकी शोभा लबानोन की सी होगी और वह कर्मेल और शारोन के तुल्‍य तेजोमय हो जाएगी। वे यहोवा की शोभा और हमारे परमेश्‍वर का तेज देखेंगे। परमेश्वर द्वारा सब कुछ परिवर्तन

3ढीले हाथों को दृढ़ करो और थरथराते हुए घुटनों को स्‍थिर करो।

4घबरानेवालों से कहो, “हियाव बाँधो, मत डरो! देखो, तुम्‍हारा परमेश्‍वर बदला लेने और प्रतिफल देने को आ रहा है। हाँ, परमेश्‍वर आकर तुम्‍हारा उद्धार करेगा।”

5तब अंधों की आँखे खोली जाएँगी और बहरो के कान भी खोले जाएँगे;

6तब लँगड़ा हिरण की सी चौकड़ियाँ भरेगा और गूँगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्‍योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियाँ बहने लगेंगी;

7मृगतृष्‍णा ताल बन जाएगी और सूखी भूमि में सोते फूटेंगे; और जिस स्‍थान में सियार बैठा करते हैं उसमें घास और नरकट और सरकण्‍डे होंगे। परमेश्वर के पवित्र राजमार्ग

8और वहाँ एक सड़क अर्थात् राजमार्ग होगा, उसका नाम पवित्र मार्ग होगा; कोई अशुद्ध जन उस पर से न चलने पाएगा; वह तो उन्‍हीं के लिये रहेगा और उस मार्ग पर जो चलेंगे वह चाहे मूर्ख भी हों तौभी कभी न भटकेंगे।

9वहाँ सिंह न होगा ओर न कोई हिंसक जन्‍तु उस पर न चढ़ेगा न वहाँ पाया जाएगा, परन्‍तु छुड़ाए हुए उसमें नित चलेंगे।

10और यहोवा ने छुड़ाए हुए लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्‍योन में आएँगे; और उनके सिर पर सदा का आनन्‍द होगा; वे हर्ष और आनन्‍द पाएँगे और शोक और लम्‍बी साँस का लेना जाता रहेगा।


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