1फिर उसी वर्ष, अर्थात् यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के चौथे वर्ष के पाँचवे महीने में, अज्जूर का पुत्र हनन्याह जो गिबोन का एक भविष्यद्वक्ता था, उसने मुझसे यहोवा के भवन में, याजकों और सब लोगों के सामने कहा,
2"इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है मैंने बाबुल के राजा के जूए को तोड़ डाला है।
3यहोवा के भवन के जितने पात्र बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर इस स्थान से उठाकर बाबुल ले गया, उन्हें मैं दो वर्ष के भीतर फिर इसी स्थान में ले आऊँगा।
4मैं यहूदा के राजा यहोयाकीम का पुत्र यकोन्याह और सब यहूदी बन्दियों जो बाबुल को गए हैं, उनको भी इस स्थान में लौटा ले आऊँगा; क्योंकि मैंने बाबुल के राजा के जूए को तोड़ दिया है, यहोवा की यही वाणी है।”
5तब यिर्मयाह नबी ने हनन्याह नबी से, याजकों और उन सब लोगों के सामने जो यहोवा के भवन में खड़े हुए थे कहा,
6“आमीन! यहोवा ऐसा ही करे; जो बातें तूने भविष्यद्वाणी करके कही हैं कि यहोवा के भवन के पात्र और सब बन्दी बाबुल से इस स्थान में फिर आएँगे, उन्हें यहोवा पूरा करे।
7तौभी मेरा यह वचन सुन, जो मैं तुझे और सब लोगों को कह सुनाता हूँ।
8जो भविष्यद्वक्ता प्राचीनकाल से मेरे और तेरे पहले होते आए थे, उन्होंने तो बहुत से देशों और बड़े-बड़े राज्यों के विरुद्ध युद्ध और विपत्ति और मरी के विषय भविष्यद्वाणी की थी।
9परन्तु जो भविष्यद्वक्ता कुशल के विषय भविष्यद्वाणी करे, तो जब उसका वचन पूरा हो, तब ही उस भविष्यद्वक्ता के विषय यह निश्चय हो जाएगा कि यह सचमुच यहोवा का भेजा हुआ है।”
10तब हनन्याह भविष्यद्वक्ता ने उस जूए को जो यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता की गर्दन पर था, उतारकर तोड़ दिया।
11और हनन्याह ने सब लोगों के सामने कहा, “यहोवा यों कहता है कि इसी प्रकार से मैं पूरे दो वर्ष के भीतर बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के जूए को सब जातियों की गर्दन पर से उतारकर तोड़ दूँगा।” तब यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता चला गया।
12जब हनन्याह भविष्यद्वक्ता ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता की गर्दन पर से जूआ उतारकर तोड़ दिया, उसके बाद यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा;
13“जाकर हनन्याह से यह कह, ‘यहोवा यों कहता है कि तूने काठ का जूआ तो तोड़ दिया, परन्तु ऐसा करके तूने उसके बदले लोहे का जूआ बना लिया है।
14क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि मैं इन सब जातियों की गर्दन पर लोहे का जूआ रखता हूँ और वे बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के आधीन रहेंगे, और इनको उसके अधीन होना पड़ेगा, क्योंकि मैदान के जीवजन्तु भी मैं उसके वश में कर देता हूँ।”
15यिर्मयाह नबी ने हनन्याह नबी से यह भी कहा, “हे हनन्याह, देख यहोवा ने तुझे नहीं भेजा, तूने इन लोगों को झूठी आशा दिलाई है।
16इसलिये यहोवा तुझसे यों कहता है, “देख, मैं तुझको पृथ्वी के ऊपर से उठा दूँगा, इसी वर्ष में तू मरेगा; क्योंकि तूने यहोवा की ओर से फिरने की बातें कही हैं।”
17इस वचन के अनुसार हनन्याह उसी वर्ष के सातवें महीने में मर गया।