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1यहोवा ने यों कहा, “तू जाकर कुम्‍हार से मिट्टी की बनाई हुई एक सुराही मोल ले, और प्रजा के कुछ पुरनियों में से और याजकों में से भी कुछ प्राचीनों को साथ लेकर,

2हिन्नोमियों की तराई की ओर उस फाटक के निकट चला जा जहाँ ठीकरे फेंक दिए जाते हैं; और जो वचन मैं कहूँ, उसे वहाँ प्रचार कर।

3तू यह कहना, ‘हे यहूदा के राजाओं और यरूशलेम के सब निवासियों, यहोवा का वचन सुनों। इस्राएल का परमेश्‍वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है, इस स्‍थान पर मैं ऐसी विपत्‍ति डालने पर हूँ कि जो कोई उसका समाचार सुने, उस पर सन्नाटा छा जाएगा।

4क्‍योंकि यहाँ के लोगों ने मुझे त्‍याग दिया, और इस स्‍थान में दूसरे देवताओं के लिये जिनको न तो वे जानते हैं, और न उनके पुरखा या यहूदा के पुराने राजा जानते थे धूप जलाया है और इसको पराया कर दिया है; और उन्होंने इस स्‍थान को निर्दोर्षों के लहू से भर दिया,

5और बाल की पूजा के ऊँचे स्‍थानों को बनाकर अपने बाल-बच्चों को बाल के लिये होम कर दिया, यद्यपि मैंने कभी भी जिसकी आज्ञा नहीं दी, न उसकी चर्चा की और न वह कभी मेरे मन में आया।

6इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आते हैं कि यह स्‍थान फिर तोपेत या हिन्नोमियों की तराई न कहलाएगा, वरन् घात ही की तराई कहलाएगा।

7और मैं इस स्‍थान में यहूदा और यरूशलेम की युक्तियों को निष्‍फल कर दूँगा; और उन्‍हें उनके प्राणों के शत्रुओं के हाथ की तलवार चलवाकर गिरा दूँगा। उनकी लोथों को मैं आकाश के पक्षियों और भूमि के जीवजन्‍तुओं का आहार कर दूँगा।

8मैं इस नगर को ऐसा उजाड़ दूँगा कि लोग इसे देखकर डरेंगे; जो कोई इसके पास से होकर जाए वह इसकी सब विपत्‍तियों के कारण चकित होगा और घबराएगा।

9और घिर जाने और उस सकेती के समय जिसमें उनके प्राण के शत्रु उन्‍हें डाल देंगे, मैं उनके बेटे-बेटियों का मांस उन्‍हें खिलाऊँगा और एक दूसरे का भी मांस खिलाऊँगा।’

10“तब तू उस सुराही को उन मनुष्‍यों के सामने तोड़ देना जो तेरे संग जाएँगे,

11और उनसे कहना, ‘सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि जिस प्रकार यह मिट्टी का बर्तन जो टूट गया कि फिर बनाया न जा सके, इसी प्रकार मैं इस देश के लोगों को और इस नगर को तोड़ डालूँगा। और तोपेत नामक तराई में इतनी कब्रें होंगी कि क़ब्र के लिये और स्‍थान न रहेगा।

12यहोवा की यह वाणी है कि मैं इस स्‍थान और इसके रहनेवालों के साथ ऐसा ही काम करूँगा, मैं इस नगर को तोपेत के समान बना दूँगा।

13और यरूशलेम के घर और यहूदा के राजाओं के भवन, जिनकी छतों पर आकाश की सारी सेना के लिये धूप जलाया गया, और अन्‍य देवताओं के लिये तपावन दिया गया है, वे सब तोपेत के समान अशुद्ध हो जाएँगे’।”(प्रेरि. 7:42)

14तब यिर्मयाह तोपेत से लौटकर, जहाँ यहोवा ने उसे भविष्‍यद्वाणी करने को भेजा था, यहोवा के भवन के आँगन में खड़ा हुआ, और सब लोगों से कहने लगा;

15“इस्राएल का परमेश्‍वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है, देखो, सब गाँवों समेत इस नगर पर वह सारी विपत्‍ति डालना चाहता हूँ जो मैंने इस पर लाने को कहा है, क्‍योंकि उन्होंने हठ करके मेरे वचन को नहीं माना है।”


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