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1फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:

2“हे मनुष्‍य के सन्‍तान अपना मुख इस्राएल के पहाड़ों की ओर करके उनके विरुद्ध भविष्‍यद्वाणी कर,

3और कह, हे इस्राएल के पहाड़ों, प्रभु यहोवा का वचन सुनो ! प्रभु यहोवा पहाड़ों और पहाड़ियों से, और नालों और तराइयों से यों कहता है: देखो, मैं तुम पर तलवार चलवाऊँगा, और तुम्‍हारे पूजा के ऊँचे स्‍थानों को नाश करूँगा।

4तुम्‍हारी वेदियाँ उजड़ेंगी और तुम्‍हारी सूर्य की प्रतिमाएँ तोड़ी जाएँगी; और मैं तुम में से मारे हुओं को तुम्‍हारी मूरतों के आगे फेंक दूँगा।

5मैं इस्राएलियों के शवों को उनकी मूरतों के सामने रखूँगा, और उनकी हड्डियों को तुम्‍हारी वेदियों के आस-पास छितरा दूँगा

6तुम्‍हारे जितने बसाए हुए नगर हैं, वे सब ऐसे उजड़ जाएँगे, कि तुम्‍हारे पूजा के ऊँचे स्‍थान भी उजाड़ हो जाएँगे, तुम्‍हारी वेदियाँ उजड़ेंगी और ढाई जाएँगी, तुम्‍हारी मूरतें जाती रहेंगी और तुम्‍हारी सूर्य की प्रतिमाएँ काटी जाएँगी; और तुम्‍हारी सारी कारीगरी मिटाई जाएगी।

7तुम्‍हारे बीच मारे हुए गिरेंगे, और तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।

8“तौभी मैं कितनों को बचा रखूँगा। इसलिये जब तुम देश-देश में तितर-बितर होगे, तब अन्‍यजातियों के बीच तुम्‍हारे कुछ लोग तलवार से बच जाएँगे।

9वे बचे हुए लोग, उन जातियों के बीच, जिनमें वे बँधुए होकर जाएँगे, मुझे स्‍मरण करेंगे; और यह भी कि हमारा व्‍यभिचारी हृदय यहोवा से कैसे हट गया है और व्‍यभिचारिणी की सी हमारी आँखें मूरतों पर कैसी लगी हैं, जिससे यहोवा का मन टूटा है। इस रीति से उन बुराइयों के कारण, जो उन्होंने अपने सारे घिनौने काम करके की हैं, वे अपनी दृष्‍टि में घिनौने ठहरेंगे।

10तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ, और उनकी सारी हानि करने को मैंने जो यह कहा है, उसे व्‍यर्थ नहीं कहा।”

11प्रभु यहोवा यों कहता है: “अपना हाथ मारकर और अपना पाँव पटककर कह, इस्राएल के घराने के सारे घिनौने कामों पर हाय, हाय, क्‍योंकि वे तलवार, भूख, और मरी से नाश हो जाएँगे।

12जो दूर हो वह मरी से मरेगा, और जो निकट हो वह तलवार से मार डाला जाएगा; और जो बचकर नगर में रहते हुए घेरा जाए, वह भूख से मरेगा। इस भाँति मैं अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से उतारूँगा।

13जब हर एक ऊँची पहाड़ी और पहाड़ों की हर एक चोटी पर, और हर एक हरे पेड़ के नीचे, और हर एक घने बांजवृक्ष की छाया में, जहाँ जहाँ वे अपनी सब मूरतों को सुखदायक सुगन्‍ध द्रव्‍य चढ़ाते हैं, वहाँ उनके मारे हुए लोग अपनी वेदियों के आस-पास अपनी मूरतों के बीच में पड़े रहेंगे; तब तुम लोग जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।

14मैं अपना हाथ उनके विरुद्ध बढ़ाकर उस देश को सारे घरों समेत जंगल से ले दिबला की ओर तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूँगा। तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।”


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