1अब हे बहुत दलों की स्वामिनीं, दल बान्ध-बान्धकर इकट्ठी हो, क्योंकि उस ने हम लोगों को घेर लिया है; वे इस्राएल के न्यायी के गाल पर सोंटा मारेंगे। (यूह. 18:22,यूह. 19:3)
2हे बैतलहम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तौभी तुझ में से मेरे लिये एक पुरूष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करनेवाला होगा; और उसका निकलना प्राचीनकाल से, वरन अनादि काल से होता आया है। (मत्ती. 2:6,यूह. 7:42)
3इस कारण वह उनको उस समय तक त्यागे रहेगा, जब तक जच्चा उत्पन्न न करे; तब इस्राएलियों के पास उसके बचे हुए भाई लौटकर उन से मिल जाएँगे।
4और वह खड़ा होकर यहोवा की दी हुई शक्ति से, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम के प्रताप से, उनकी चरवाही करेगा। और वे सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि अब वह पृथ्वी की छोर तक महान ठहरेगा।
5और वह शान्ति का मूल होगा, जब अश्शूरी हमारे देश पर चढ़ाई करें, और हमारे राजभवनों में पाँव रखें, तब हम उनके विरूद्ध सात चरवाहे वरन आठ प्रधान मनुष्य खड़ें करेंगे।
6और वे अश्शूर के देश को वरन प्रवेश के स्थानों तक निम्रोद के देश को तलवार चलाकर मार लेंगे; और जब अश्शूरी लोग हमारे देश में आएँ, और उसके सिवाने के भीतर पाँव रखे, तब वही पुरूष हम को उन से बचाएगा।
7और याकूब के बचे हुए लोग बहुत राज्यों के बीच ऐसा काम देंगे, जैसा यहोवा की ओर से पड़नेवाली ओस, और घास पर की वर्षा, जो किसी के लिये नहीं ठहरती और मनुष्यों की बाट नहीं जोहती।
8और याकूब के बचे हुए लोग जातियों में और देश-देश के लोगों के बीच ऐसे होंगे जैसे वनपशुओं में सिंह, वा भेड़-बकरियों के झुण्डों में जवान सिंह होता है, क्योंकि जब वह उनके बीच में से जाए, तो लताड़ता और फाड़ता जाएगा, और कोई बचा न सकेगा।
9तेरा हाथ तेरे द्रोहियों पर पड़े, और तेरे सब शत्रु नाश हो जाएँ।
10यहोवा की यही वाणी है, उस समय मैं तेरे घोड़ों को तेरे बीच में से नाश करूँगा; और तेरे रथों का विनाश करूँगा।
11और मैं तेरे देश के नगरों को भी नाश करूँगा, और तेरे किलों को ढा दूँगा।
12और मैं तेरे तन्त्र-मन्त्र नाश करूँगा, और तुझ में टोन्हे आगे को न रहेंगे।
13और मैं तेरी खुदी हुई मूरतें, और तेरी लाठें, तेरे बीच में से नाश करूँगा; और तू आगे को अपने हाथ की बनाई हुई वस्तुओं को दण्डवत् न करेगा।
14और मैं तेरी अशेरा नाम मूरतों को तेरी भूमि में से उखाड़ डालूँगा, और तेरे नगरों का विनाश करूँगा।
15और मैं अन्यजातियों से जो मेरा कहा नहीं मानतीं, क्रोध और जल जलाहट के साथ पलटा लूँगा।