Bible 2 India Mobile
[VER] : [HINDI]     [PL]  [PB] 
 <<  2 Samuel 6 >> 

1फिर दाऊद ने एक और बार इस्राएल में से सब बड़े वीरों को, जो तीस हजार थे, इकट्ठा किया।

2तब दाऊद और जितने लोग उसके संग थे, वे सब उठकर यहूदा के बाले नाम स्‍थान से चले, कि परमेश्‍वर का वह सन्‍दूक ले आएँ, जो करूबों पर विराजनेवाले सेनाओं के यहोवा का कहलाता है।

3तब उन्होंने परमेश्‍वर का सन्‍दूक एक नई गाड़ी पर चढ़ाकर टीले पर रहनेवाले अबीनादाब के घर से निकाला; और अबीनादाब के उज्‍जा और अहह्रो नाम दो पुत्र उस नई गाड़ी को हाँकने लगे।

4और उन्होंने उसको परमेश्‍वर के सन्‍दूक समेत टीले पर रहनेवाले अबीनादाब के घर से बाहर निकाला; और अहह्रो सन्‍दूक के आगे आगे चला।

5और दाऊद और इस्राएल का समस्‍त घराना यहोवा के आगे सनौवर की लकड़ी के बने हुए सब प्रकार के बाजे और वीणा, सारंगियाँ, डफ, डमरू, झाँझ बजाते रहे।

6जब वे नाकोन के खलिहान तक आए, तब उज्‍जा ने अपना हाथ परमेश्‍वर के सन्‍दूक की ओर बढ़ाकर उसे थाम लिया, क्‍योंकि बैलों ने ठोकर खाई थी।

7तब यहोवा का कोप उज्‍जा पर भड़क उठा; और परमेश्‍वर ने उसके दोष के कारण उसको वहाँ ऐसा मारा, कि वह वहाँ परमेश्‍वर के सन्‍दूक के पास मर गया।

8तब दाऊद अप्रसन्न हुआ, इसलिये कि यहोवा उज्‍जा पर टूट पड़ा था; और उसने उस स्‍थान का नाम पेरेसुज्‍जा रखा, यह नाम आज के दिन तक वर्तमान है।

9और उस दिन दाऊद यहोवा से डरकर कहने लगा, “यहोवा का सन्‍दूक मेरे यहाँ क्‍योंकर आए?”

10इसलिये दाऊद ने यहोवा के सन्‍दूक को अपने यहाँ दाऊदपुर में पहुँचाना न चाहा; परन्‍तु गतवासी ओबेदेदोम के यहाँ पहुँचाया।

11और यहोवा का सन्‍दूक गतवासी ओबेदेदोम के घर में तीन महीने रहा; और यहोवा ने ओबेदेदोम और उसके समस्‍त घराने को आशीष दी।

12तब दाऊद राजा को यह बताया गया, कि यहोवा ने ओबेदेदोम के घराने पर, और जो कुछ उसका है, उस पर भी परमेश्‍वर के सन्‍दूक के कारण आशिष दी है। तब दाऊद ने जाकर परमेश्‍वर के सन्‍दूक को ओबेदेदोम के घर से दाऊदपुर में आनन्‍द के साथ पहूँचा दिया।

13जब यहोवा के सन्‍दूक के उठानेवाले छः कदम चल चुके, तब दाऊद ने एक बैल और एक पाला पोसा हुआ बछड़ा बलि कराया।

14और दाऊद सनी का एपोद कमर में कसे हुए यहोवा के सम्‍मुख तन मन से नाचता रहा।

15यों दाऊद और इस्राएल का समस्‍त घराना यहोवा के सन्‍दूक को जय जयकार करते और नरसिंगा फूँकते हुए ले चला।

16जब यहोवा का सन्‍दूक दाऊदपुर में आ रहा था, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झाँककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्‍मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्‍छ जाना।

17और लोग यहोवा का सन्‍दूक भीतर ले आए, और उसके स्‍थान में, अर्थात् उस तम्‍बू में रखा, जो दाऊद ने उसके लिये खड़ा कराया था; और दाऊद ने यहोवा के सम्‍मुख होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।

18जब दाऊद होमबलि और मेलबलि चढ़ा चुका, तब उसने सेनाओं के यहोवा के नाम से प्रजा को आशीर्वाद दिया।

19तब उसने समस्‍त प्रजा को, अर्थात्, क्‍या स्‍त्री क्‍या पुरुष, समस्‍त इस्राएली भीड़ के लोगों को एक एक रोटी, और एक एक टुकड़ा माँस, और किशमिश की एक एक टिकिया बँटवा दी। तब प्रजा के सब लोग अपने अपने घर चले गए।

20तब दाऊद अपने घराने को आशीर्वाद देने के लिये लौटा। और शाऊल की बेटी मीकल दाऊद से मिलने को निकली, और कहने लगी, “आज इस्राएल का राजा जब अपना शरीर अपने कर्मचारियों की लौंडियों के सामने ऐसा उघाड़े हुए था, जैसा कोई निकम्‍मा अपना तन उघाड़े रहता है, तब क्‍या ही प्रतापी देख पड़ता था !”

21दाऊद ने मीकल से कहा, “यहोवा, जिस ने तेरे पिता और उसके समस्‍त घराने की सन्‍ती मुझ को चुनकर अपनी प्रजा इस्राएल का प्रधान होने को ठहरा दिया है, उसके सम्‍मुख मैं ने ऐसा नाचा--और मैं यहोवा के सम्‍मुख इसी प्रकार नाचा करूँगा।

22और इस से भी मैं अधिक तुच्‍छ बनूंगा, और अपने लेखे नीच ठहरूँगा; और जिन लौंडियों की तू ने चर्चा की वे भी मेरा आदरमान करेंगी।”

23और शाऊल की बेटी मीकल के मरने के दिन तक उसके कोई सन्‍तान न हुआ।


  Share Facebook  |  Share Twitter

 <<  2 Samuel 6 >> 


Bible2india.com
© 2010-2024
Help
Dual Panel

Laporan Masalah/Saran