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1हद्राक देश के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन जो दमिश्‍क पर भी पड़ेगा।** क्‍योंकि यहोवा की दृष्‍टि मनुष्‍य जाति की, और इस्राएल के सब गोत्रों की ओर लगी है;

2हमात की ओर जो दमिश्‍क के निकट है, और सोर और सीदोन की ओर, ये तो बहुत ही बुद्धिमान् हैं।

3सोर ने अपने लिये एक गढ़ बनाया, और धूलि के किनकों की नाई चाँदी, और सड़कों की कीच के समान चोखा सोना बटोर रखा है।

4देखो, परमेश्‍वर उसको औरों के अधिकार में कर देगा, और उसके घमण्‍ड को तोड़कर समुद्र में डाल देगा; और वह नगर आग का कौर हो जाएगा।(मत्ती 11:21,22, लूका 10:13,14)

5यह देखकर अश्‍कलोन डरेगा; गाज़ा को दु:ख होगा, और एक्रोन भी डरेगा, क्‍योंकि उसकी आशा टूटेगी; और गाज़ा में फिर राजा न रहेगा और अश्‍कलोन फिर बसी न रहेगी।

6और अश्‍दोद में अनजाने लोग बसेंगे; इसी प्रकार मैं पलिश्‍तियों के गर्व को तोड़ूँगा।

7मैं उसके मुँह में से आहेर का लोहू और घिनौनी वस्‍तुएँ निकाल दूँगा, तब उन में से जो बचा रहेगा, वह हमारे परमेश्‍वर का जन** होगा, और यहूदा में अधिपति सा होगा; और एक्रोन के लोग यबूसियों के समान बनेंगे।

8तब मैं उस सेना के कारण जो पास से होकर जाएगी और फिर लौट आएगी, अपने भवन के आस पास छावनी किए रहूँगा, और कोई सतानेवाला फिर उनके पास से होकर न जाएगा, क्‍योंकि मैं ये बातें अब भी देखता हूँ।

9हे सिय्‍योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्‍योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन गदही के बच्‍चे पर चढ़ा हुआ आएगा।(मत्ती 21:5, यूह. 12:14-15)

10मैं एप्रैम के रथ और यरूशलेम के घोड़े नाश करूँगा; और युद्ध के धनुष तोड़ डाले जाएँगे, और वह अन्‍यजातियों से शान्‍ति की बातें कहेगा; वह समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्‍वी के दूर दूर के देशों तक प्रभुता करेगा।(इफि 2:17, भजन 72:8)

11और तू भी सुन, क्‍योंकि मेरी वाचा के लहू के कारण, मैं ने तेरे बन्‍दियों को बिना जल के गड़हे में से उबार लिया है।(मत्ती 26:28, निर्ग. 24:8, 1 कुरि. 11:25)

12हे आशा धरे हुए बन्‍दियों! गढ़ की ओर फिरो; मैं आज ही बताता हूँ कि मैं तुम को बदले में दूना सुख दूँगा।

13क्‍योंकि मैं ने धनुष समान यहूदा को चढ़ाकर उस पर तीर की नाईं एप्रैम को लगाया है। मैं सिय्‍योन के निवासियों को यूनान के निवासियों के विरूद्ध उभारूँगा, और उन्‍हें वीर की तलवार सा कर दूँगा।

14तब यहोवा उनके ऊपर दिखाई देगा, और उसका तीर बिजली की नाई छूटेगा; और परमेश्‍वर यहोवा नरसिंगा फूँककर दक्षिण देश की सी आँधी में होकर चलेगा।

15सेनाओं का यहोवा ढाल से उन्‍हें बचाएगा, और वे अपने शत्रुओं का नाश करेंगे, और उनके गोफन के पत्‍थरों पर पाँव धरेंगे; और वे पीकर ऐसा कोलाहल करेंगे जैसा लोग दाखमधु पीकर करते हैं; और वे कटोरे की नाईं वा वेदी के कोने की नाईं भरे जाएगें ।

16उस समय उनका परमेश्‍वर यहोवा उनको अपनी प्रजारूपी भेड़-बकरियाँ जानकर उनका उद्धार करेगा; और वे मुकुटमणि ठहरके, उसकी भूमि से बहुत ऊँचे पर चमकते रहेंगे।

17उसका क्‍या ही कुशल, और क्‍या ही शोभा उसकी होगी! उसके जवान लोग अन्न खाकर, और कुमारियाँ नया दाखमधु पीकर हृष्‍टपुष्‍ट हो जाएँगी।



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