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1हे परमेश्‍वर तू ने हमको त्‍याग दिया, और हम को तोड़ डाला है; तू क्रोधित हुआ; फिर हमको ज्‍यों का त्‍यों कर दे।

2तू ने भूमि को कँपाया और फाड़ डाला है; उसके दरारों को भर दे, क्‍योंकि वह डगमगा रही है।

3तू ने अपनी प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया; तू ने हमें लड़खड़ा देनेवाला दाखमधु पिलाया है।

4तू ने अपने डरवैयों को झण्‍डा दिया है, कि वह सच्‍चाई के कारण फहराया जाए। (सेला)

5तू अपने दाहिने हाथ से बचा, और हमारी सुन ले कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएँ।

6परमेश्‍वर पवित्रता के साथ बोला है, “मैं प्रफुल्‍लित हूँगा; मैं शकेम को बाँट लूँगा, और सुक्‍कोत की तराई को नपवाऊँगा।

7गिलाद मेरा है; मनश्‍शे भी मेरा है; और एप्रैम मेरे सिर का टोप, यहूदा मेरा राजदण्‍ड है।

8मोआब मेरे धोने का पात्र है; मैं एदोम पर अपना जूता फेंकूँगा; हे पलिश्‍तीन मेरे ही कारण जयजयकार कर।”

9मुझे गढ़वाले नगर में कौन पहुँचाएगा? एदोम तक मेरी अगुवाई किसने की है?

10हे परमेश्‍वर, क्‍या तू ने हम को त्‍याग नहीं दिया? हे परमेश्‍वर, तू हमारी सेना के साथ नहीं जाता।

11द्रोही के विरूद्ध हमारी सहायता कर, क्‍योंकि मनुष्‍य का किया हुआ छुटकारा व्‍यर्थ होता है।

12परमेश्‍वर की सहायता से हम वीरता दिखाएँगे, क्‍योंकि हमारे द्रोहियों को वही रौंदेगा।



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